सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP-AMR) के दूसरे संस्करण (2025-29) का शुभारंभ किया।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर राष्ट्रीय कार्य योजना 2.0 (2025-29) (NAP-AMR 2.0) के बारे में
- विजन: विभिन्न क्षेत्रकों को शामिल करने वाले साक्ष्य-आधारित 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण के माध्यम से AMR के उद्भव और प्रसार को रोककर मनुष्यों, जानवरों, पादपों एवं पर्यावरण के लिए एक सतत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।
- 'वन हेल्थ' की अवधारणा: यह मान्यता है कि मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं और इन्हें अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
मुख्य विशेषताएं:

- "समग्र सरकार" (Whole of government) दृष्टिकोण: प्रत्येक क्षेत्रक/ विभाग के भीतर निरंतर वित्त-पोषण के साथ सहयोगात्मक प्रयास।
- "प्रवर्तनीय जवाबदेही" मॉडल: 20 से अधिक संबंधित मंत्रालयों और विभागों ने विशिष्ट, समयबद्ध और बजटीय कार्य योजनाएं प्रस्तुत की हैं।
- 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण का एकीकरण:
- पहली बार NAP 2.0 के अंतर्गत पर्यावरण में एंटीबायोटिक अवशेषों और प्रतिरोधी रोगजनकों की व्यवस्थित निगरानी को अनिवार्य किया गया है।
- क्षेत्रकों के बीच विवादों का समाधान करने और रणनीतिक तालमेल सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों के संयुक्त कार्य समूहों तथा राष्ट्रीय AMR संचालन (स्टीयरिंग) एवं निगरानी समिति का गठन किया जाएगा।
- अन्य:
- डेटा साझाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी;
- जीनोमिक निगरानी पर ध्यान दिया जाएगा;
- अस्पतालों में अनुभव-आधारित दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग का मार्गदर्शन करने के लिए रोगाणुरोधी प्रबंधन कार्यक्रम या एंटीमाइक्रोबियल स्टीवार्डशिप प्रोग्राम (AMSP) शुरू किए जाएंगे।
निष्कर्ष
NAP-AMR 2.0 एक अधिक विकसित और व्यापक कार्यनीति को द्योतित करता है। भारत अब केवल AMR जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए नीति बनाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसे व्यवहार में लागू करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। इस रणनीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें योजनाओं को बजट के साथ जोड़ा गया है, जिससे क्रियान्वयन अधिक प्रभावी होगा। इसके साथ ही, 'वन हेल्थ (One Health)' दृष्टिकोण को विभिन्न मंत्रालयों की प्रशासनिक कार्यप्रणाली का हिस्सा बनाया गया है।
