PGI राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणालियों के प्रदर्शन का समग्र मूल्यांकन करता है। इसके लिए यह यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+), नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS), पीएम-पोषण पोर्टल, प्रबंध (PRABANDH) पोर्टल और विद्यांजलि पोर्टल से जुटाए गए डेटा का उपयोग करता है।
PGI 2.0 के बारे में
- उत्पत्ति: PGI की शुरुआत 2017 में की गई थी, और बाद में इसे 2021 में PGI 2.0 के रूप में नया स्वरूप दिया गया।
- संरचना: PGI की संरचना में कुल 1000 अंकों का भारांक होता है, जिन्हें 73 संकेतकों (indicators) में बाँटा गया है। इन संकेतकों को दो मुख्य श्रेणियों में रखा गया है:
- परिणाम (Outcome); तथा
- अभिशासन और प्रबंधन (Governance & Management)।

- इन श्रेणियों को आगे 6 क्षेत्रों (डोमेन) में बाँटा गया है:
- लर्निंग आउटकम्स (LO) – अधिगम परिणाम;
- एक्सेस (A) – पहुंच;
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं (IF);
- इक्विटी (E) – समानता;
- गवर्नेंस प्रोसेसेस (GP) – अभिशासन प्रक्रियाएं; तथा
- टीचर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (TET) – शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण।
- मूल्यांकन: PGI में प्रदर्शन का मूल्यांकन 1000 अंकों के आधार पर किया जाता है, और इसके अनुसार राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को 10 ग्रेड्स में रखा जाता है।
इंडेक्स के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश शीर्ष चार ग्रेड (दक्ष, उत्कर्ष, अति-उत्तम व उत्तम) प्राप्त नहीं कर सका।
- शीर्ष प्रदर्शन: केवल चंडीगढ़ ने प्रचेस्टा-1 (Prachesta-1) ग्रेड हासिल किया।
- सबसे कमजोर प्रदर्शन: मेघालय एकमात्र राज्य है, जो दसवें ग्रेड (आकांक्षी-3/ Akanshi-3) में रहा।
- समग्र रुझान:
- 2023-24 में 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के स्कोर 2022-23 की तुलना में बेहतर रहे हैं।
- जबकि 12 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों जैसे कि बिहार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक आदि में स्कोर में गिरावट दर्ज की गई है।