माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में संकुचन
भारतीय रिजर्व बैंक की नवीनतम वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में उल्लेखनीय संकुचन हुआ है।
मुख्य अवलोकन
- सक्रिय उधारकर्ता खातों में कमी: इस क्षेत्र में 4,000,000 उधारकर्ता खातों की कमी देखी गई।
- विनियामक प्रभाव: बढ़ी हुई विनियामक निगरानी और सख्त अंडरराइटिंग प्रथाओं ने नए उधारकर्ताओं की संख्या में कमी ला दी है और ऋण देने की गतिविधि धीमी कर दी है।
- बैंक ऋण में कमी: माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं को ऋण प्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- ऋण गिरावट के आंकड़े:
- वित्त वर्ष 2025 के दौरान इस क्षेत्र को बैंक ऋण में 13.8% की कमी आई।
- इस गिरावट से क्षेत्र की कुल हिस्सेदारी घटकर 48.3% रह गयी।
- बढ़ता हुआ क्षेत्र तनाव: बढ़ते पोर्टफोलियो जोखिम के कारण ऋणदाताओं में सतर्कता बढ़ रही है।