परमाणु ऊर्जा में निजी क्षेत्र की भागीदारी
भारत निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र चलाने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में, केवल केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को ही परमाणु ऊर्जा उत्पादन में संलग्न होने की अनुमति है ।
पात्रता के लिए संभावित मानदंड
- कंपनियों का मूल्यांकन निम्नलिखित आधार पर किया जाएगा:
- वित्तीय और तकनीकी ताकत
- अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड
- एक विशिष्ट समयावधि के लिए निरंतर सकारात्मक राजस्व की न्यूनतम सीमा को योग्यता पैरामीटर के रूप में चर्चा में लाया जा रहा है।
- आवेदकों को बड़ी परियोजनाएं स्थापित करने में अनुभव की आवश्यकता हो सकती है।
कानूनी ढांचा और संशोधन
सरकार विधायी प्रक्रिया के बाद नए नियम लागू करने की योजना बना रही है। इसमें निम्नलिखित संशोधन शामिल हैं:
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम
- परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम , जिसका उद्देश्य परमाणु दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करना है, संभावित निवेशकों के लिए चिंता का विषय रहा है।
रणनीतिक लक्ष्य और दृष्टि
निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना भारत की विकसित भारत 2047 स्वच्छ ऊर्जा के लिए दृष्टिकोण। सरकार का लक्ष्य परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाना है:
- 2032 तक 22 गीगावाट
- 2047 तक 100 गीगावाट
भारत में वर्तमान में भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम द्वारा प्रबंधित 23 चालू संयंत्रों से लगभग 8.8 गीगावाट की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता है।