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पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान AMCA (FIFTH-GENERATION FIGHTER JET AMCA) | Current Affairs | Vision IAS
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पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान AMCA (FIFTH-GENERATION FIGHTER JET AMCA)

Posted 21 Jul 2025

1 min read

सुर्ख़ियों में क्यों? 

हाल ही में, रक्षा मंत्री ने निजी कंपनियों के सहयोग से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट विमान के विकास के लिए एग्जीक्यूशन मॉडल को मंजूरी दी है। इस लड़ाकू जेट विमान का नाम एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) है। 

AMCA कार्यक्रम का विवरण: स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान

  • पृष्ठभूमि: 2024 में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) से अनुमोदन प्राप्त हुआ था।
  • उद्देश्य: स्वदेशी रूप से विकसित पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA का निर्माण करना।
  • समय-सीमा: पहला प्रोटोटाइप 2028-29 तक अपेक्षित है तथा 2034 में इसे भारतीय वायु सेना में शामिल करने की योजना है।
  • वेरिएंट: GE-F414 इंजन के साथ AMCA Mk1; स्वदेशी इंजन के साथ Mk2 की योजना बनाई गई है।
  • अग्रणी एजेंसी: DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA)।
  • उद्योगों के साथ टाई-अप:
    • ADA, उद्योगों की भागीदारी के जरिए AMCA कार्यक्रम को लागू करेगा।
      • अब तक, सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) लड़ाकू विमानों के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से घरेलू उत्पादन एजेंसी के रूप में कार्य करती रही है।
    • अब निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र की कंपनियां प्रतिस्पर्धी आधार पर स्वतंत्र रूप से, संयुक्त उद्यमों के रूप में, या संघ के रूप में बोली में हिस्सा ले सकती हैं।
    • सभी संस्थाएं/ बोली लगाने वाली भारतीय कंपनियां होनी चाहिए तथा वे राष्ट्रीय कानूनों एवं विनियमों का अनुपालन करने वाली होनी चाहिए।

पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के बारे में

  • लड़ाकू जेट पीढ़ियों की अवधारणा 1990 के दशक में उभरी थी और इसे पूर्ववर्ती जेट पर पूर्वव्यापी रूप से लागू किया गया है।
    • पहली पीढ़ी के लड़ाकू जेट द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरणों में निर्मित किए गए थे। ये शुरुआती जेट पिस्टन वाले इंजन से निर्मित विमानों की तुलना में तेज थे, लेकिन फिर भी अधिकतर सबसोनिक गति से ही उड़ते थे।
  • हालांकि, प्रत्येक पीढ़ी की कोई तय परिभाषा नहीं है, किंतु पीढ़ियों के रूप में यह वर्गीकरण मुख्य रूप से व्यापक तकनीकी प्रगतियों को समझने में मदद करता है।
    • एक नई पीढ़ी तब शुरू होती है, जब कोई बड़ा नवाचार उन्नयन के माध्यम से पुराने जेट में नहीं जोड़ा जा सकता।
  • पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट आज सेवा में सबसे उन्नत हैं। वे निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करते हैं:
    • ट्विन इंजन संचालित: विशेषकर रात में एक इंजन के विफल होने की स्थिति में उच्च स्तर की हवाई सुरक्षा प्रदान करता है।
    • स्टील्थ क्षमताएं: इनमें लो-प्रोबेबिलिटी-ऑफ-इंटरसेप्ट रडार (LPIR) होता है और शत्रु रडार द्वारा उनका पता लगाना कठिन होता है।
    • सुपरक्रूज के साथ अतिसक्रिय एयरफ्रेम: पैंतरेबाजी की उच्च क्षमता और आफ्टरबर्नर के बिना सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने की क्षमता होती है।
    • उन्नत वैमानिकी: उच्च-तकनीकी इलेक्ट्रॉनिक संचार, लक्ष्यीकरण और नियंत्रण प्रणाली।
    • एकीकृत कंप्यूटर सिस्टम: अन्य प्रणालियों के साथ नेटवर्किंग को सक्षम बनाते हैं। इससे पायलटों को पैंतरेबाजी किए बिना 360-डिग्री युद्धक्षेत्र का दृश्य मिलता है।
    • इनका विकास और रखरखाव अत्यधिक महंगा है।
    • उदाहरण: वर्तमान में केवल संयुक्त राज्य अमेरिका (F-22 और F-35), रूस (सुखोई Su-57) और चीन (चेंगदू J-20) ने ही परिचालन योग्य पांचवीं पीढ़ी के विमान विकसित किए हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, यूनाइटेड किंगडम, जापान, इटली, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन जैसे कई देशों ने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के विकास की घोषणा की है।
    • इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एकीकरण, हाइपरसोनिक क्षमताएं, मानवरहित क्षमताएं आदि तकनीकों के उपयोग होने की उम्मीद है।

पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA का सामरिक महत्त्व

  • भारतीय वायु सेना का आधुनिकीकरण: यह MiG-29/ मिराज के चरणबद्ध तरीके से बाहर होने के बाद सेना की युद्धक क्षमता में कमी नहीं होने देगा। साथ ही, वायु सेना की घटती स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ (स्वीकृत 42 के मुकाबले 31) को बहाल करने में मदद करेगा।
  • क्षेत्रीय खतरों से निपटने में सक्षम: चीन के J-20 और पाकिस्तान के J-10C (चीन से प्राप्त) की तैनाती का मुकाबला कर सकता है।
  • तकनीकी संप्रभुता: विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर निर्भरता कम करता है तथा 'मेक इन इंडिया' के माध्यम से दीर्घकालिक रक्षा स्वायत्तता को बढ़ाता है।
  • आत्मनिर्भर भारत: यह परियोजना भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेगी। 

निष्कर्ष

AMCA कार्यक्रम के सफल निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति आवश्यक है। सरकार को भूमि अधिग्रहण मानदंडों में ढील देकर, रक्षा-विशिष्ट औद्योगिक अवसंरचना में निवेश करके, HAL के अनुभव का लाभ उठाकर तथा निजी क्षेत्रक की क्षमता का समर्थन करके एक सक्षमकारी इकोसिस्टम बनाना चाहिए। इस कार्यक्रम के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाने हेतु निवेश और IPR (बौद्धिक संपदा अधिकार) कानूनों का एक फ्रेमवर्क भी आवश्यक है।

  • Tags :
  • AMCA
  • Cabinet Committee on Security
  • Fifth-Generation Fighter
  • LPIR
  • Indigenous Defence Manufacturing
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