सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका के विलमिंगटन में आयोजित छठे क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया।

अन्य संबंधित तथ्य
- पिछले चार वर्षों में, क्वाड देशों के नेताओं ने छ: बार बैठक की है, जिनमें से दो बार इनकी बैठक वर्चुअल रूप में हुई है।
- इस वर्ष (2024) इस समूह के गठन के 20 वर्ष पूरे हुए हैं।
- क्वाड लीडर्स समिट में अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए 'क्वाड विलमिंगटन घोषणा-पत्र' को अपनाया गया है।
- भारत 2025 में क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करेगा।
क्वाड विलमिंगटन-घोषणा पत्र के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- स्वास्थ्य सुरक्षा: 'क्वाड कैंसर मूनशॉट' कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम सर्वाइकल कैंसर से निपटने हेतु हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जीवन की रक्षा आधारित साझेदारी है।
- गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना: 'क्वाड पोर्ट्स फॉर द फ्यूचर पार्टनरशिप' की घोषणा की गई। इसके तहत संधारणीय बंदरगाह अवसंरचना के विकास में सहायता के लिए क्वाड की सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा।
- महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां: 'सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला आकस्मिकता नेटवर्क सहयोग ज्ञापन' की घोषणा की गई। इसका उद्देश्य क्वाड देशों में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना है।
- क्वाड इन्वेस्टर्स नेटवर्क (QUIN): इसका उद्देश्य अनुकूल आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के साथ-साथ उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में संयुक्त अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए निवेश को बढ़ावा देना है।
- जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उच्च दक्षता वाली वहनीय कूलिंग प्रणालियों के निर्माण और उपयोग सहित ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने हेतु क्वाड के सामूहिक प्रयास पर जोर दिया गया है।
- अंतरिक्ष सहयोग: भारत, मॉरीशस में अंतरिक्ष-आधारित वेब पोर्टल की स्थापना कर रहा है। यह पोर्टल अंतरिक्ष में स्थित उपग्रहों से चरम मौसम की घटनाओं और जलवायु प्रभाव की निगरानी के लिए ओपन साइंस की अवधारणा का समर्थन करेगा।
- समुद्री सुरक्षा पहलें:
- 'मेरीटाइम इनिशिएटिव फॉर ट्रेनिंग इन द इंडो-पैसिफिक (MAITRI)' की घोषणा की गई। यह 2022 में घोषित "समुद्री क्षेत्र जागरूकता के लिए हिंद-प्रशांत साझेदारी'' तथा अन्य क्वाड पहलों के माध्यम से प्रदान किए गए साधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगी।
- 2025 के लिए 'क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन' की घोषणा की गई। यह मिशन भागीदार देशों के बीच समन्वय में सुधार करने और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर देगा।
क्वाडिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (QUAD) के बारे में
- क्वाड विश्व के कुछ अग्रणी लोकतांत्रिक देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका) का एक बहुपक्षीय मंच है।
- क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, समृद्धि और सुरक्षा लाने के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक पहल है। साथ ही, यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक कल्याणकारी वैश्विक शक्ति के रूप में कार्य कर रहा है।
- सदस्य: क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक कूटनीतिक साझेदारी है। यह कोई सैन्य गठबंधन नहीं है।
- उद्देश्य: यह एक ऐसे खुले, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समावेशी हो और सभी देशों के लिए समान अवसर प्रदान करे।
- प्रमुख शिखर सम्मेलन: प्रतिवर्ष क्वाड लीडर्स समिट और विदेश मंत्रियों की बैठकें आयोजित की जाती हैं।
- क्वाड ने अपने दायरे का विस्तार करते हुए छह वर्किंग ग्रुप्स का गठन किया है, जो स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, इन्फ्रास्ट्रक्चर और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
क्वाड का वैश्विक महत्त्व | भारत के लिए क्वाड का महत्त्व |
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क्वाड के समक्ष मौजूद चुनौतियां
- पूरी तरह से संस्थागत नहीं: अपने वर्तमान स्वरूप में, क्वाड अपेक्षाकृत कम संस्थागत बना हुआ है। इस मंच का ज्यादातर काम-काज नियमित बैठकों, अर्ध-नियमित शिखर सम्मेलनों, सूचनाओं के आदान-प्रदान आदि के माध्यम से ही होता है।
- शीत-युद्ध की मानसिकता: चीन ने क्वाड कूटनीति की आलोचना करते हुए इसे "शीत-युद्ध की मानसिकता" का प्रतिबिंब और "एशियाई नाटो" स्थापित करने का प्रयास बताया है।
- अलग-अलग देशों के अलग-अलग राष्ट्रीय हित: उदाहरण के लिए- विशेष रूप से चीन के संबंध में भारत मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि अमेरिका के व्यापक वैश्विक रणनीतिक हित हैं।
- ऑस्ट्रेलिया की चीन पर आर्थिक निर्भरता तथा जापान की अमेरिका पर सुरक्षा निर्भरता इस गठबंधन को और जटिल बनाती है।
- अनूठा चरित्र: क्वाड के उद्देश्य को आसियान (ASEAN), पैसिफिक आइलैंड फोरम और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे अन्य क्षेत्रीय समूहों से अलग परिभाषित करना कठिन साबित हुआ है।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अमेरिका का सीमित फोकस: अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत मंचों पर यह धारणा विद्यमान है कि, यूरोप और मध्य-पूर्व में युद्धों का अर्थ है कि एशिया पर अमेरिका का ध्यान सीमित हो जाएगा।
क्वाड से जुड़ी भारत की चिंताएं
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आगे की राह
- क्वाड को संस्थागत बनाना: एक औपचारिक संरचना या सचिवालय की स्थापना इसकी प्रभावशीलता को बढ़ा सकती है। इसके परिणामस्वरूप, यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक गतिविधियों में अधिक प्रभावी तरीके से अपनी भूमिका को निभा सकेगा।
- क्षेत्र में मौजूदा संगठनों को बढ़ाना: क्वाड को अन्य संगठनों को खत्म या प्रतिस्थापित करने की बजाय, अलग-अलग बहुपक्षीय या क्षेत्रीय संगठनों को बढ़ावा देने और आपसी सहयोग के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
- अन्य भागीदारों को शामिल करना: क्वाड को क्षेत्रीय साझेदारों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की आवश्यकता है। इसके लिए क्वाड को क्षेत्रीय साझेदारों के हितों एवं प्राथमिकताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए।
- स्पष्टता और अस्पष्टता को संतुलित करना: क्वाड को पारंपरिक सुरक्षा चिंताओं (जैसे- संभावित चीनी सैन्य कार्रवाई) पर विशेष ध्यान देने की बजाय चीन के साथ सीधे टकराव के जोखिम को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए क्वाड साझा हितों के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
संबंधित सुर्ख़ियांक्वाड 'प्रिंसिपल फॉर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI)'डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के लिए क्वाड के सिद्धांत वस्तुतः समाज में बदलाव लाने और सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंडा 2030 को प्राप्त करने हेतु डिजिटलीकरण के महत्त्व को स्वीकार करते हुए जारी किए गए हैं। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के बारे में
DPI के लिए क्वाड के प्रमुख सिद्धांत
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