CDRI ने इन परियोजनाओं की घोषणा अपने इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (IRIS) पहल के तहत की है।
- IRIS पहल को वर्ल्ड लीडर्स समिट के दौरान COP26 में आरंभ किया गया था। यह पहल एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के माध्यम से SIDS देशों में लचीले, टिकाऊ और समावेशी अवसंरचनाओं को बढ़ावा देकर सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समर्पित है।
SIDS के बारे में:
- SIDS देश तीन भौगोलिक क्षेत्रों में अवस्थित हैं: कैरेबियन क्षेत्र; प्रशांत महासागर क्षेत्र; और अटलांटिक, हिंद महासागर एवं दक्षिण चीन सागर (AIS) क्षेत्र।
- 1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान इस समूह की स्थापना की गई थी। इस समूह में 39 देश और संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय आयोगों के 18 एसोसिएट सदस्य शामिल हैं।
SIDS के लिए आपदा-रोधी अवसंरचनाओं की आवश्यकता क्यों है?
- SIDS विश्व के सर्वाधिक आपदा-प्रवण देशों में से एक हैं। इन देशों को चक्रवात, बाढ़, सूखा, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का लगातार सामना करना पड़ता है।
- सेंडाई फ्रेमवर्क मॉनिटर के आंकड़ों के अनुसार, SIDS देशों में आपदाओं से होने वाली मृत्यु दर, वैश्विक औसत से दोगुनी से भी अधिक है।
- आपदाओं के कारण SIDS देशों को उनकी GDP का औसतन 2.1% नुकसान होता है, जबकि अन्य देशों को लगभग 0.3% का ही नुकसान ही उठाना पड़ता है।
आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) के बारे में
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