सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति को अवैध रूप से ढहाने से रोकने के लिए अखिल भारतीय दिशा-निर्देश जारी किए | Current Affairs | Vision IAS
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सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति को अवैध रूप से ढहाने से रोकने के लिए अखिल भारतीय दिशा-निर्देश जारी किए

Posted 14 Nov 2024

Updated 18 Nov 2024

11 min read

सुप्रीम कोर्ट ने 'शक्ति के पृथक्करण' के सिद्धांत का हवाला देते हुए इन दिशा-निर्देशों को जारी किया था। इसके लिए कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्तियों का प्रयोग किया है।

  • हालांकि, ये दिशा-निर्देश और संरक्षण सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण या अनधिकृत संरचनाओं पर लागू नहीं होते हैं।

निजी संपत्ति को अवैध रूप से ढहाने के संबंध में चिंताएं

  • केवल आरोप के आधार पर राज्य द्वारा किसी के घर को ढहाना या ध्वस्त करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत, विधि की सम्यक प्रक्रिया (Due process of law) और विधि के शासन के खिलाफ है।
  • साथ ही, यह मौलिक अधिकार जैसे अनुच्छेद 21 के तहत 'आश्रय का अधिकार' का उल्लंघन भी है। 

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य दिशा-निर्देशों पर एक नजर:

  • पूर्व सूचना: घर के मालिक को रजिस्टर्ड डाक द्वारा घर को ढहाने की सूचना दी जानी चाहिए। इस डाक में अनधिकृत निर्माण की प्रकृति, संबंधित उल्लंघनों का विवरण आदि शामिल होना चाहिए।
    • अनधिकृत निर्माण के मामले में, निवासियों को अनधिकृत निर्माण हटाने या रहने के लिए कोई अन्य स्थान खोजने हेतु 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए।
  • निर्धारित प्राधिकारी द्वारा अभियुक्त को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जाना होगा।
  • न्यायालय के आदेश के उल्लंघन के लिए अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
  • वीडियोग्राफी और उचित रिपोर्ट: घर को ढहाने या ध्वस्त करने की वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य है। इसकी वैधता को चुनौती दिए जाने की स्थिति में इसे सबूत के तौर पर पेश करना होगा। वास्तविक विध्वंस की रिपोर्ट भी नगर आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी।

शक्ति का पृथक्करण (Separation of Power)

  • फ्रांसीसी विधिवेत्ता मांटेस्क्यू के अनुसार, 'शक्ति के पृथक्करण' का अर्थ है कि " सरकार के तीनों अंग अर्थात् विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए और इन अंगों की शक्तियों में कोई परस्पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए"।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में शक्तियों का सख्त पृथक्करण लागू है। हालांकि, भारत में यह उतना सख्त नहीं है, क्योंकि कार्यपालिका, विधायिका से अलग होती है।

 

 

 

 

 

 

  • Tags :
  • शक्ति के पृथक्करण
  • निजी संपत्ति
  • अनुच्छेद 142
  • सुप्रीम कोर्ट
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