यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर कर संबंधी दुरुपयोग के कारण होने वाले बड़े वित्तीय नुकसान और वैश्विक स्तर पर कर संबंधी सुधारों को उजागर करती है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- वैश्विक स्तर पर कर संबंधी दुरुपयोग के कारण देशों को प्रति वर्ष 492 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो रहा है।
- इसमें से दो-तिहाई (347.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का नुकसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किया जाता है। ये कंपनियां अपने लाभ को ऐसे देशों में स्थानांतरित करती हैं, जहां कर दरें बहुत कम होती हैं, ताकि कम कर का भुगतान करना पड़े।
- शेष एक-तिहाई (144.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का नुकसान उन धनी व्यक्तियों के कारण होता है, जो अपनी संपत्ति को विदेशों में छुपाते हैं।
- 43% नुकसान निम्नलिखित आठ प्रमुख OECD सदस्य देशों के कारण होता है, जो यूनाइटेड नेशन टैक्स कन्वेंशन का विरोध कर रहे हैं:
- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इजरायल, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम, और अमेरिका।
- निरपेक्ष रूप से ग्लोबल नॉर्थ के देशों को सबसे ज्यादा कर राजस्व का नुकसान होता है, जबकि ग्लोबल साउथ के देशों को अपने कुल कर राजस्व के सबसे बड़े हिस्से का नुकसान होता है।
- इस प्रकार की कर हानि के परिणामस्वरूप सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता सीमित होती है; देशों के बीच असमानता बढ़ती है; तथा घरेलू कारोबार सीमित हो जाता है।
इस रिपोर्ट में की गई नीतिगत सिफारिशें
- यूनाइटेड नेशन टैक्स कन्वेंशन को अपनाना चाहिए। यह वैश्विक स्तर पर समावेशी अंतर्राष्ट्रीय कर नियमों की स्थापना करेगा। साथ ही, यह सीमा-पार कर चोरी को रोकेगा और प्रगतिशील राष्ट्रीय कराधान को बहाल भी करेगा।
- संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय कर सहयोग फ्रेमवर्क कन्वेंशन पर 2025 में वार्ता शुरू की जाएगी और 2027 में संपन्न होगी।
- अतिरिक्त लाभ और संपत्ति पर कर लगाने से आर्थिक असमानता कम तथा एकाधिकार की शक्ति सीमित हो सकती है। साथ ही, इससे समाज से सबसे अधिक लाभ कमाने वाले लोगों द्वारा सामाजिक कल्याण में आनुपातिक रूप से योगदान सुनिश्चित हो सकता है।
वैश्विक कर सुधार
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