सुबनसिरी नदी
सुबनसिरी नदी पर 2,000 मेगावाट की सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना शीघ्र शुरू होने वाली है। यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश-असम सीमा पर स्थित है।
सुबनसिरी नदी के बारे में
- यह गोल्ड नदी के नाम से भी विख्यात है।
- उद्गम: यह ट्रांस-हिमालयी नदी है। यह तिब्बती हिमालय में माउंट पोरोम (5059 मीटर) के पश्चिमी भाग से निकलती है।
- यह नदी अरुणाचल प्रदेश की मिरी पहाड़ियों से होती हुई भारत में प्रवेश करती है।
- यह ब्रह्मपुत्र की सबसे लंबी सहायक नदी है। यह नदी असम में माजुली द्वीप के पास ब्रह्मपुत्र में दाहिने तट से मिलती है।
- माजुली एशिया का सबसे बड़ा नदी-द्वीप है।
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- माउंट पोरोम
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थोरियम
भारत का परमाणु ऊर्जा विभाग थोरियम भंडार को परमाणु ईंधन में बदलने के लिए 1 गीगा-इलेक्ट्रॉनवोल्ट (GeV) पार्टिकल एक्सेलरेटर के निर्माण की योजना बना रहा है। गौरतलब है कि भारत में प्रचुर मात्रा में थोरियम का भंडार उपलब्ध है।
- हाई एनर्जी प्रोटॉन एक्सेलरेटर (1 GeV) का थोरियम से यूरेनियम-233 (U-233) प्राप्त करने और फिर न्यूट्रॉन बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- U-233: यह एक विखंडनीय पदार्थ है। इसका परमाणु रिएक्टर में विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग किया जा सकता है।
थोरियम के बारे में
- उत्खनित खनिज के प्रति इकाई द्रव्यमान के आधार पर , थोरियम, प्राकृतिक यूरेनियम की तुलना में अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
- प्रकृति में थोरियम यूरेनियम की तुलना में कहीं अधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- थोरियम, यूरेनियम की तुलना में कम हानिकारक अपशिष्ट उत्पन्न करता है।
- मोनाजाइट अयस्क में 10-12 प्रतिशत थोरियम डाइऑक्साइड होता है।
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- U-233
- हाई एनर्जी प्रोटॉन
नैनो-ट्रांसपोर्टर
नैनो-ट्रांसपोर्टर्स का उपयोग करके कोशिकाओं के भीतर दवा पहुंचाने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है।
सफलताएं:
- नैनो-बर्फ्लोवर आकार के गोल्ड नैनोकण: ये कोशिकाओं के भीतर दवाओं को पहुंचाने और कैंसर के उपचार की दक्षता में सुधार करते हैं।
- SARS-CoV-1 के पांच अमीनो एसिड प्रोटीन टुकड़ों का उपयोग करके हाइड्रोजेल बनाया गया था।
- ये हाइड्रोजेल शरीर के भीतर दवा पहुंचाने में प्रभावी साबित हुए हैं। हाइड्रोजेल तरल पदार्थ रहित जेल हैं।
नैनो-ट्रांसपोर्टर्स के बारे में
- ये सक्रिय यौगिकों को नियंत्रित तरीके से शरीर के भीतर कोशिकाओं या ऊतकों तक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- महत्त्व:
- दवाओं से आस-पास के ऊतकों को कम क्षति पहुंचती है, और
- दवा की कम खुराक की आवश्यकता पड़ती है।
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- नैनो-ट्रांसपोर्टर
- SARS-CoV-1
जमीन पर हमला करने वाली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल (LRLACM)
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने LRLACM का पहला उड़ान परीक्षण किया।
- यह मिसाइल निर्भय क्रूज मिसाइल की जगह लेगी।
- मारक क्षमता: 1,000 किलोमीटर तक।
- प्रक्षेपण क्षमता: मोबाइल ग्राउंड लॉन्चर के साथ-साथ जहाज़ों से भी।
LRLACM के बारे में
- यह सामरिक लक्ष्यों पर दूर से लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।
- यह अलग-अलग ऊंचाइयों और अलग-अलग गति से उड़ते हुए दिशा बदलने में सक्षम है।
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- LRLACM
- जमीन पर हमला करने वाली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल
- DRDO
- निर्भय क्रूज मिसाइल
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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केवल महिला कर्मियों वाली पहली CISF रिजर्व बटालियन को मंजूरी दी।
CISF के बारे में
- यह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 के तहत स्थापित केंद्र सरकार का एक सशस्त्र बल है।
- CISF एकमात्र ऐसा अर्द्धसैनिक बल है, जिसके पास अपना अनुकूलित एवं समर्पित अग्निशमन विंग है।
- इसे निम्नलिखित को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है:
- परिसर के कर्मचारियों सहित संपत्तियों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा;
- अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग जैसे सामरिक प्रतिष्ठान;
- Z प्लस, Z, X और Y श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करना आदि।
- Tags :
- CISF
- गृह मंत्रालय
- अर्द्धसैनिक बल
- रिजर्व बटालियन
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA)
हाल ही में, NFRA ने लेखापरीक्षा मानकों में संशोधन की सिफारिश की है, ताकि इसे वैश्विक मानक ISA 600 के अनुरूप बनाया जा सके।
NFRA के बारे में
- गठन: इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132(1) के तहत 2018 में गठित किया गया था।
- उद्देश्य: भारत में सभी कॉर्पोरेट वित्तीय रिपोर्टिंग की गुणवत्ता में निरंतर सुधार करना।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- कार्य: लेखांकन और लेखापरीक्षा संबंधी नीतियों एवं मानकों की सिफारिश करना; अनुपालन की निगरानी करना व उसका प्रवर्तन करना; सेवा की गुणवत्ता की देखरेख करना, आदि।
- Tags :
- NFRA
- राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण
- कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132(1)
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कुटुम्ब प्रबोधन
हाल ही में, भारत के उपराष्ट्रपति ने समाज में 'कुटुम्ब प्रबोधन' के महत्व पर बल दिया।
कुटुम्ब प्रबोधन के बारे में
- इसके बारे में: यह परिवार (कुटुंब) संबंधी प्रबोधन (enlightenment) को व्यक्त करता है और यह भारत की संस्कृति का एक मूल सिद्धांत है।
- उद्देश्य: ज्ञान व अनुभवों को साझा करके और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करके युवा पीढ़ी में संस्कारों (मूल्य) का निवेश करना।
- अन्य उद्देश्य: धार्मिक और नैतिक आचरण पर आधारित समाज का निर्माण करना, जो बड़े परिवार (वसुधैव कुटुम्बकम) का प्रतीक हो।
- Tags :
- कुटुम्ब प्रबोधन
- संस्कृति
- संस्कार