विश्व बैंक ने “अनलॉकिंग द पवार ऑफ़ हेल्दी लोंगेविटी: डेमोग्राफिक चेंज, नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCDs) एंड ह्यूमन कैपिटल” रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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विश्व बैंक ने “अनलॉकिंग द पवार ऑफ़ हेल्दी लोंगेविटी: डेमोग्राफिक चेंज, नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCDs) एंड ह्यूमन कैपिटल” रिपोर्ट जारी की

Posted 13 Nov 2024

Updated 18 Nov 2024

11 min read

इसमें जनसांख्यिकीय रूपांतरण को मानव पूंजी और आरोग्यता के समक्ष चुनौतियों में से एक के रूप में उजागर किया गया है। साथ ही, इसमें बताया गया है कि प्रमुख गैर-संचारी रोगों (NCDs) के निवारण से स्वस्थ दीर्घायु को संभव किया जा सकता है।

  • जनसांख्यिकीय रूपांतरण (Demographic transformation) से तात्पर्य है मृत्यु दर, जन्म दर और जनसंख्या वृद्धि के पैटर्न में बदलाव, जो उच्च जन्म/ मृत्यु दर से कम जन्म/ मृत्यु दर में तब्दील हो रही है।
  • स्वस्थ दीर्घायु (Healthy longevity) का अर्थ है- जीवन भर रोकथाम योग्य मृत्यु और दिव्यांगता को कम करते हुए वृद्धावस्था में शारीरिक, मानसिक एवं  सामाजिक आरोग्यता को बनाए रखना।

इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

  • गैर-संचारी रोगों (NDCs) का प्रभाव: जैसे हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर आदि वैश्विक स्तर पर 70% से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।
    • वर्तमान अनुमानों के आधार पर, इनके चलते कुल मृत्यु दर 61 मिलियन (2023) से बढ़कर 92 मिलियन (2050) हो जाएगी।
  • इस रिपोर्ट में भारत से संबंधित मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 
    • बचपन में NDCs: इसके कारण शिक्षा पूरी करने के लगभग 1.2-4.2 वर्ष की हानि हो जाती है।
    • चिकित्सा पर अधिक आउट ऑफ़ पॉकेट व्यय: इसमें मुख्य रूप से इलाज हेतु यात्रा पर अधिक खर्ज होता है। 
    • जीवन प्रत्याशा: सबसे कम शिक्षित वर्ग में 15 वर्ष की आयु पर जीवन प्रत्याशा सबसे कम होती है, क्योंकि 30-69 वर्ष की आयु के बीच गैर-संचारी रोगों (NCDs) से मृत्यु दर अधिक होती है।

स्वस्थ दीर्घायु को बढ़ावा देने के लिए रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें

  • NCDs के लिए जीवन पर्यंत दृष्टिकोण: इसके तहत NCDs की रोकथाम और प्रबंधन के साथ-साथ श्रम बाजार, सामाजिक संरक्षण एवं दीर्घकालिक देखभाल जैसे अन्य नीतिगत सुधार किए जाने चाहिए।
  • वित्तीय उपायों का लाभ उठाना: इसके लिए लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों जैसे तम्बाकू आदि पर कर को बढ़ाना चाहिए।

NCDs के बारे में

  • ये दीर्घकालिक बीमारियां हैं, जो लंबे समय तक बनी रहती हैं। इन रोगों के पीछे तेजी से बढ़ता अनियोजित शहरीकरण, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और बढ़ती जनसंख्या जैसे कारक प्रमुख रूप से जिम्मेदार होते हैं।
  • भारत में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के एक भाग के रूप में राष्ट्रीय कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और हृदयाघात की रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (NPCDCS) गैर-संचारी रोगों (NCDs) की रोकथाम पर केंद्रित है।

 

  • Tags :
  • NCDs
  • अनलॉकिंग द पवार ऑफ़ हेल्दी लोंगेविटी
  • विश्व बैंक
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