RBI और SEBI ने FPI का FDI के रूप में रीक्लासिफिकेशन करने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया | Current Affairs | Vision IAS
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    RBI और SEBI ने FPI का FDI के रूप में रीक्लासिफिकेशन करने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया

    Posted 13 Nov 2024

    Updated 18 Nov 2024

    11 min read

    वर्तमान विनियमों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) किसी भारतीय कंपनी में उसकी कुल पेड-अप इक्विटी पूंजी का अधिकतम 10% तक ही पोर्टफोलियो निवेश के रूप में निवेश कर सकते हैं। गौरतलब है कि वह राशि जो कंपनी को शेयरधारकों से शेयरों के बदले में प्राप्त होती है उसे पेड-अप इक्विटी पूंजी कहते हैं।  

    • इससे पहले FPIs के लिए निर्धारित इस 10% की सीमा को पार करने पर FPIs के पास दो विकल्प होते थे- अधिशेष शेयरों को बेचना या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के रूप में रीक्लासिफ़ाइ हो जाना।
    • यदि कोई FPI अपने संस्थागत विदेशी निवेश को FDI में रीक्लासिफ़ाइ करने का इरादा रखता है, तो उस FPI को नीचे दिए गए ऑपरेशनल फ्रेमवर्क का पालन करना होगा:

    FPI को FDI के रूप में रीक्लासिफ़ाइ करने के संबंध में RBI का नया ऑपरेशनल फ्रेमवर्क

    • FDI के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रकों में इस रीक्लासिफिकेशन की सुविधा की अनुमति नहीं दी जाएगी। जैसे, चिट फंड, गैंबलिंग आदि।
    • विशेष रूप से सीमावर्ती देशों से FPI निवेश के लिए सरकारी अनुमोदन अनिवार्य है, तथा संबंधित भारतीय कंपनी की सहमति भी आवश्यक है।
      • साथ ही, निवेश को FDI के नियमों के तहत प्रवेश मार्ग, सेक्टोरल कैप्स, निवेश सीमा, मूल्य निर्धारण दिशा-निर्देश और अन्य संबंधित शर्तों का पालन करना चाहिए।
    • FPI का रीक्लासिफिकेशन “विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भुगतान की विधि और गैर-ऋण लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमन, 2019” द्वारा निर्देशित होगा।

    इस कदम का महत्त्व: 

    • इससे अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी;
    • FPI को अधिक रणनीतिक निवेश में तब्दील करने में सुगमता प्रदान की जा सकेगी; 
    • भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों के लिए स्पष्टता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा आदि।

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के बारे में

    • FDI के जरिए कोई विदेशी निवेशक भारत में किसी निवेशक, संस्था या सरकार द्वारा प्रवर्तित किसी कंपनी या परियोजना में हिस्सेदारी प्राप्त करता है।
    • यह आमतौर पर एक दीर्घकालिक निवेश होता है। साथ ही, यह ऋण सृजन नहीं करने वाला पूंजी प्रवाह भी होता है।
    • FDI अनुमोदन मार्ग:
      • स्वचालित मार्ग: अनिवासी या भारतीय कंपनी को सरकार से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
      • सरकारी मार्ग: सरकारी मार्ग के तहत विदेशी निवेश के प्रस्तावों पर संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/ विभाग द्वारा विचार किया जाता है।

     

    • Tags :
    • FPI निवेश
    • FPI और FDI
    • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs)
    • FDI अनुमोदन मार्ग
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