बाकू में UNFCCC के पक्षकारों के सम्मेलन (CoP)-29 में अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाजार मानकों पर सहमति बनी | Current Affairs | Vision IAS
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बाकू में UNFCCC के पक्षकारों के सम्मेलन (CoP)-29 में अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाजार मानकों पर सहमति बनी

Posted 13 Nov 2024

Updated 18 Nov 2024

12 min read

ये मानक संयुक्त राष्ट्र (UN) के तहत एक केंद्रीकृत कार्बन बाजार का प्रावधान करते हैं। यह पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 के तहत वार्ता के समापन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6

  • यह ऐसे सिद्धांत प्रदान करता है, जिसके माध्यम से देश अपने जलवायु लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए "स्वैच्छिक सहयोग का अनुसरण" कर सकते हैं।
    • यह देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी से अर्जित कार्बन क्रेडिट्स को अन्य देशों को स्थानांतरित करने की अनुमति देता है, ताकि उनके जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद की जा सके।  
  • इसमें दो उप-खंड शामिल हैं: अनुच्छेद 6.2 और अनुच्छेद 6.4
    • अनुच्छेद 6.2: देश उत्सर्जन में कमी/ रोकथाम से अर्जित क्रेडिट्स का द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौतों के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं।
      • व्यापार किए गए क्रेडिट्स को अंतर्राष्ट्रीय रूप से हस्तांतरित शमन परिणाम (Internationally Transferred Mitigation Outcomes: ITMO) कहा जाता है। ITMO को कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य (CO2e) या किसी अन्य मीट्रिक में मापा जाता है।
    • अनुच्छेद 6.4 या पेरिस एग्रीमेंट क्रेडिटिंग मैकेनिज़्म: अनुच्छेद 6.4 पर्यवेक्षी निकाय (6.4SB) नामक संयुक्त राष्ट्र की इकाई की देखरेख में एक वैश्विक कार्बन बाजार बनाने का प्रयास करता है।
      • इसके अंतर्गत क्रेडिट को A6.4ERss कहा जाता है और इसे देश, कंपनियां या व्यक्ति खरीद सकते हैं।
      • पिछले महीने बाकू में आयोजित अनुच्छेद 6.4 के लिए पर्यवेक्षी निकाय की बैठक में वर्तमान में सहमत मानकों का प्रस्ताव किया गया था। 

सहमत कार्बन बाजार मानकों का महत्त्व

  • विकासशील देशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है।
  • सहमत कार्बन बाजार मानकों की सहायता से क्रेडिट व्यापार के बाद निगरानी और दीर्घकालिक बाजार विश्वसनीयता को सुगम बनाया जा सकता है।

कार्बन बाजार या कार्बन मूल्य निर्धारण उपकरण

  • कार्बन बाजार या कार्बन मूल्य निर्धारण उपकरण सरकारों और गैर-राज्य अभिकर्ताओं को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन क्रेडिट्स का व्यापार करने में सक्षम बनाते हैं।
  • ये दो प्रकार के हो सकते हैं: 
    • अनुपालन तंत्र (सरकारों द्वारा कार्यान्वित और प्रबंधित) तथा 
    • स्वैच्छिक तंत्र (स्वतंत्र मानकों या गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्रबंधित)।  
  • भारत में, दोनों के लिए निम्नलिखित ढांचा मौजूद है:
    • अनुपालन (परफॉर्म अचीव ट्रेड- एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट); तथा 
    • स्वैच्छिक (ऑफसेट) तंत्र (स्वच्छ विकास तंत्र)।

 

  • Tags :
  • Carbon markets
  • कार्बन मूल्य निर्धारण
  • पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6
  • पेरिस समझौता
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