प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण को ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने 2016 में शुरू किया था।
प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण के बारे में
- उद्देश्य: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) सहित समाज के सबसे गरीब वर्गों को आवास उपलब्ध कराना।
- योजना का प्रकार: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) है।
- मुख्य लक्ष्य: मूलतः 2023-24 तक 2.95 करोड़ घरों का निर्माण पूरा किया जाना था।
- 2 करोड़ और घर बनाने के लक्ष्य के साथ इस योजना को वित्त वर्ष 2024-29 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए 3,06,137 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय निर्धारित किया गया है।
- घर का स्वामित्व: अनिवार्य रूप से परिवार की महिला मुखिया को दिया जाता है।
- पात्रता मानदंड: सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना (SECC), 2011 के अनुसार बेघर परिवार और कच्चे मकान वाले परिवार।
- लाभार्थियों का चयन: SECC, ग्राम सभा और जियो-टैगिंग के माध्यम से तीन-चरणीय सत्यापन किया जाता है।
- सहायता: मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों और पहाड़ी राज्यों (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख) में 1.30 लाख रुपये।
- पात्र लाभार्थियों को 3% की घटती ब्याज दर पर 70,000 रुपये तक का ऋण उपलब्ध है।
- स्वच्छ भारत मिशन–ग्रामीण के अंतर्गत शौचालयों के लिए 12,000/- रुपये दिए जाते हैं।
- अन्य योजनाओं के साथ समन्वय: प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना के तहत LPG कनेक्शन, जल जीवन मिशन के तहत सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
- पात्र परिवार ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण के तहत अकुशल श्रमिक के रूप में 95 दिनों का रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत प्रगति
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