अटल नवाचार मिशन 2.0 (AIM 2.0) नीति आयोग की एक प्रमुख पहल है। इसका लक्ष्य नवाचार और उद्यमिता परिवेश में निहित कमियों को दूर करना तथा इसे और सफल बनाने के लिए नई पहलें शुरू करना है।
AIM 2.0 के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- आवंटित बजट: 2,750 करोड़ रुपये;
- योजना अवधि: 31 मार्च, 2028 तक।
AIM 2.0 के मुख्य उद्देश्य
- भारत के नवाचार और उद्यमिता परिवेश को तीन तरीकों से मजबूत करना:
- इनपुट बढ़ाना यानी, इनोवेटर्स और उद्यमियों की संख्या बढ़ाना। यह निम्नलिखित कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा:
- नवाचार का भाषा समावेशी कार्यक्रम (LIPI): इसके तहत पहले से स्थापित इन्क्यूबेटर्स में संविधान में अनुसूचित भाषाओं के लिए वर्नाक्यूलर इनोवेशन सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे।
- फ्रंटियर प्रोग्राम: इसका उद्देश्य जम्मू व कश्मीर (J&K), लद्दाख, पूर्वोत्तर राज्यों (NE), आकांक्षी जिलों और आकांक्षी ब्लॉक्स के लिए अनुकूलित टेम्पलेट बनाना है।
- निम्नलिखित के माध्यम से सफलता दर या थ्रूपुट में सुधार करना:
- मानव पूंजी विकास कार्यक्रम: यह पेशेवरों (प्रबंधक, शिक्षक व प्रशिक्षक) की संख्या बढ़ाने की व्यवस्था है।
- डीपटेक रिएक्टर: यह शोध-आधारित डीप टेक स्टार्ट-अप्स के व्यवसायीकरण के तरीकों के परीक्षण के लिए रिसर्च सैंडबॉक्स है।
- राज्य नवाचार मिशन (SIM): नीति आयोग के राज्य सहायता मिशन के तहत राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता की जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय नवाचार सहयोग कार्यक्रम: इसमें वार्षिक वैश्विक टिंकरिंग ओलंपियाड आयोजित करने; विकसित देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने; आदि पर जोर दिया जाएगा।
- निम्नलिखित के माध्यम से आउटपुट में सुधार किया जाएगा:
- इंडस्ट्रियल एक्सेलरेटर प्रोग्राम: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में महत्वपूर्ण क्षेत्रकों में इंडस्ट्रियल एक्सेलरेटर्स स्थापित किए जाएंगे।
- अटल सेक्टोरल इनोवेशन लॉन्चपैड (ASIL) कार्यक्रम: केंद्रीय मंत्रालयों में रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (iDEX) जैसे प्लेटफॉर्म्स बनाए जाएंगे।
- इनपुट बढ़ाना यानी, इनोवेटर्स और उद्यमियों की संख्या बढ़ाना। यह निम्नलिखित कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा:
अटल नवाचार मिशन-1.0 (AIM-1.0) के बारे में
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