नए कानून में कानून के तहत, टिकटॉक, मेटा जैसी तकनीकी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म्स पर 16 साल से कम उम्र के बच्चों के अकाउंट्स को ब्लॉक करना होगा, अन्यथा उन्हें जुर्माना भुगतना पड़ेगा। साथ ही, उन्हें सोशल मीडिया की लत से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर सामाजिक जिम्मेदारी तय करनी होगी।
बच्चों में सोशल मीडिया की लत की वजहें
- सोशल मीडिया द्वारा मस्तिष्क के रिवॉर्ड सर्किट का दुरुपयोग: सोशल मीडिया नशे की लत जैसी मानसिक स्थिति का निर्माण करता है। यह डोपामाइन उत्प्रेरणा के माध्यम से सोशल मीडिया से निरंतर जुड़े रहने के लिए प्रेरित करता है।
- वास्तविक जीवन में सच्चे भावनात्मक संबंधों की कमी: सच्चे वैयक्तिक संबंधों के विकल्प के रूप में किशोर सोशल मीडिया का रुख करते हैं।
सोशल मीडिया की लत के दुष्प्रभाव
- स्क्रीन टाइम का बढ़ना: डिजिटल माध्यमों पर अधिक समय देने के कारण बच्चों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं। अब ऑनलाइन इंटरेक्शन ने शारीरिक गतिविधियों की जगह ले ली है।
- इससे वास्तविक जीवन के रिश्तों और सामाजिक कौशल का क्षरण होने का खतरा बढ़ गया है। साथ ही, बच्चों में “पीछे छूट जाने का डर” हावी हो सकता है।
- कार्य उत्पादकता में कमी और ख़राब शैक्षणिक प्रदर्शन: अधिक स्क्रीन टाइम की वजह से स्कूल वर्क, खेल, पढ़ाई जैसी कई गतिविधियों के लिए समय कम पड़ जाता है।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव: सोशल मीडिया जगत की आदर्श छवियों से जुड़ी उपलब्धियों के लगातार प्रभाव में आने से अवास्तविक अपेक्षाएं जन्म ले सकती हैं।
- इससे साइबर-बुलिंग, आत्मसम्मान की कमी, फोकस और एकाग्रता की कमी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से मस्तिष्क के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है तथा अवसाद, नींद नहीं आना, खाने की आदतों में बदलाव जैसे विकार पैदा हो सकते हैं।
- नुकसानदेह कंटेंट के प्रभाव में आना: जैसे कि आत्महत्या करने, स्वयं को नुकसान पहुंचाने और चरम विचारों वाले कंटेंट के प्रभाव में आने का खतरा बढ़ जाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का नकारात्मक प्रभाव
- बच्चे सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभावों से वंचित हो सकते हैं: बच्चे डिजिटल क्षमता व सामाजिक एकीकरण, रचनात्मक अभिव्यक्ति एवं सहयोग आधारित लर्निंग, अभिरुचि-आधारित नेटवर्किंग जैसे अवसरों का लाभ नहीं उठा पाएंगे, आदि।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध की वजह से बच्चे डार्कवेब जैसे असुरक्षित इंटरनेट नेटवर्क के जाल में फंस सकते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का वैकल्पिक तरीका
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