सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र ने मानव तस्करी से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को लागू नहीं किया | Current Affairs | Vision IAS
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र ने मानव तस्करी से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को लागू नहीं किया

Posted 14 Nov 2024

Updated 18 Nov 2024

12 min read

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार प्रज्वला बनाम भारत संघ (2015) मामले में केंद्र सरकार द्वारा मानव तस्करी (विशेष रूप से यौन तस्करी) पर अंकुश लगाने के लिए की गई प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की गई हैं।

केंद्र सरकार द्वारा की गई मुख्य प्रतिबद्धताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • संगठित अपराध जांच एजेंसी (Organised Crime Investigative Agency: OCIA) की स्थापना करना;
  • मानव तस्करी के मामले से निपटने के लिए एक व्यापक कानून तैयार करने हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक समिति का गठन करेगा।
    • इस कानून में तस्करी को रोकना, पीड़ितों का बचाव एवं संरक्षण करना तथा उनके पुनर्वास की व्यवस्था को शामिल किया जाना था।

सुप्रीम कोर्ट की अन्य महत्वपूर्ण टिप्पणियां

  • विधायी निष्क्रियता: मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2018 लोक सभा में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन बाद में यह समाप्त (lapsed) हो गया।
  • NIA अधिनियम, 2008 में 2019 में किए गए संशोधनों की सीमाएं: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अधिनियम में 2019 में किए गए संशोधनों ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मानव तस्करी के मामलों की जांच करने का अधिकार दिया है।
    • न्यायालय ने कहा कि NIA अपराधियों पर मुकदमा चला सकती है, लेकिन पीड़ितों की सुरक्षा या पुनर्वास पर ध्यान नहीं देती है।

भारत में मानव तस्करी की स्थिति

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार 2018 से 2022 तक 10 हजार से अधिक मानव तस्करी के मामले सामने आए हैं। 
    • मानव तस्करी के तहत सर्वाधिक यौन तस्करी होती है।
  • 2018 तक के आकड़ों के अनुसार इसे हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के बाद संगठित अपराध के लिए लाभ का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत माना गया है।

भारत में मानव तस्करी से निपटने के लिए उठाए गए कदम

  • कानूनी: अनैतिक दुर्व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (ITPA), 1956 बनाया गया है।
  • संवैधानिक: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 23 मानव तस्करी पर प्रतिबंध लगाता है।
  • अन्य:
    • गृह मंत्रालय के तहत तस्करी-रोधी इकाई कानून प्रवर्तन संबंधी कार्रवाइयों में सुधार हेतु राज्यों को मार्गदर्शन प्रदान करती है।
    • भारत ने मानव तस्करी से निपटने के लिए बांग्लादेश जैसे देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
    • महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए UNCTOC (अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र अभिसमय) प्रोटोकॉल की अभीपुष्टि की है।
    • भारतीय न्याय संहिता (BNS) में वेश्यावृत्ति के लिए मानव दुर्व्यापार सहित मानव तस्करी को रोकने हेतु सख्त दंड का प्रावधान किया गया है।
  • Tags :
  • मानव तस्करी
  • प्रज्वला बनाम भारत संघ
  • संगठित अपराध जांच एजेंसी
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
  • अनैतिक दुर्व्यापार (रोकथाम) अधिनियम
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