विश्व ऊर्जा रोजगार, 2024 रिपोर्ट
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने विश्व ऊर्जा रोजगार, 2024 (World Energy Employment, 2024) रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
- वैश्विक ऊर्जा क्षेत्रक में रोजगार ने 2023 में श्रम बाजार के व्यापक ट्रेंड को पीछे छोड़ दिया।
- स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रक, रोजगार में वृद्धि का प्राथमिक स्रोत बना हुआ है।
रिपोर्ट में भारत से संबंधित मुख्य बिंदु:
- भारत में ऊर्जा क्षेत्रक में 8.5 मिलियन से अधिक लोग नियोजित हैं। यह 2023 में देश में रोजगार प्राप्त कुल 566 मिलियन लोगों का 1.5% है।
- भारत का ऊर्जा क्षेत्रक भी कई अन्य क्षेत्रकों की तरह, अनौपचारिक श्रम पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
- सरकारी पहलों की वजह से ऊर्जा क्षेत्रक में, विशेष रूप से स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रक में कार्यबल बढ़ने की संभावना है। इससे रोजगार सृजन को और बढ़ावा मिलेगा।
- Tags :
- World Energy Employment
- विश्व ऊर्जा रोजगार
- ऊर्जा क्षेत्रक
- वैश्विक ऊर्जा क्षेत्रक
- स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रक
भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India: PCI)
हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना की गई थी।
भारतीय प्रेस परिषद (PCI) के बारे में
- उत्पत्ति: इसे पहली बार पहले प्रेस आयोग की सिफारिशों के बाद 1966 में भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम, 1965 के तहत स्थापित किया गया था।
- 1975 में आपातकाल के दौरान इसे भंग कर दिया गया था। बाद में प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 के तहत 1979 में भारतीय प्रेस परिषद की पुनः स्थापना की गई थी।
- उद्देश्य: भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखना और पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखना।
- संरचना: इसमें एक अध्यक्ष (आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट का एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश) और 28 सदस्य होते हैं।
- Tags :
- PCI
- Press Council Act, 1978
एवियन बोटुलिज़्म
राजस्थान में पक्षियों की सामूहिक मृत्यु के पीछे एवियन बोटुलिज़्म को कारण माना गया है।
एवियन बोटुलिज़्म के बारे में
- यह गंभीर न्यूरोमस्कुलर बीमारी है।
- बीमारी की वजह: बैक्टीरिया क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम द्वारा उत्पादित टॉक्सिन।
- एवियन बोटुलिज़्म के प्रकोप में सहायक परिस्थितियां:
- जल का अधिक तापमान;
- एनोक्सिक (ऑक्सीजन रहित या कमी) परिस्थितियां;
- अपघटित पादपों, शैवालों या पशु अपशिष्टों में बैक्टीरियल सब्सट्रेट।
- मनुष्यों और पालतू जानवरों में संक्रमण: संक्रमित मछली, पक्षी आदि खाने से।
- Tags :
- Botulism
- Avian Botulism
- Clostridium botulinum
ऑपरेशन सागर-मंथन
हाल ही में, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने ऑपरेशन सागर-मंथन के तहत 700 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया है।
- मेथामफेटामाइन अधिक प्रभावी एडिक्टिव ड्रग है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
ऑपरेशन सागर मंथन के बारे में
- शुरुआत: इसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के सहयोग से शुरू किया है।
- ऑपरेशन के उद्देश्य:
- समुद्री मार्गों के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना;
- राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी खतरों से निपटना;
- 2047 तक ‘नशा मुक्त भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करना।
- Tags :
- Operation Sagar Manthan
- Methamphetamine
- NCB
- सागर-मंथन
- नशा मुक्त भारत
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में दुर्लभ 'कैट स्नेक' देखा गया।
- सामान्य कैट स्नेक या बोइगा ट्राइगोनाटा, अन्य सर्प प्रजातियों की तुलना में बहुत कम विषैला होता है। सांप की इस प्रजाति को अत्यंत दुर्लभ भी माना जाता है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बारे में
- यह देश का 18वां टाइगर रिजर्व है और बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है।
- इसकी स्थापना 1976 में की गई थी और 1990 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
- यह भारत में हिमालय तराई वनों की सबसे पूर्वी सीमा का निर्माण करता है।
- इससे होकर बहने वाली नदियां: गंडक, पंडई, मनोर, हरहा, मसान और भापसा।
- जीव-जंतु: बाघ, भालू, तेंदुआ, भारतीय बाइसन, लकड़बग्घा, जंगली कुत्ते आदि।
- वनस्पति: साल, सागौन, बांस, सेमल, खैर आदि।
- Tags :
- Valmiki Tiger Reserve
- टाइगर रिजर्व
- बिहार
- Boiga trigonata
- Common cat snake
- अत्यंत दुर्लभ
कोदो मिलेट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों की मौत की वजह कोदो मिलेट का सेवन हो सकता है।
कोदो मिलेट (पस्पालम स्क्रोबिकुलटम) के बारे में
- इसे भारत में कोदरा और वरगु के नाम से भी जाना जाता है। यह कई आदिवासी समुदायों का मुख्य भोजन है।
- गुण:
- इसमें डायटरी फाइबर और आयरन जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद हैं।
- इसका सेवन अस्थमा, माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा, मधुमेह, हृदय रोग के उपचार में और महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Postmenopausal) में उपयोगी माना जाता है।
- यह सूखा-सहिष्णु, उच्च उपज क्षमता, अधिक दिन तक भंडारण जैसे गुणों से युक्त है।
- खेती के लिए आदर्श जलवायु: गर्म और शुष्क जलवायु। इसकी खेती मुख्य रूप से दक्कन क्षेत्र में की जाती है।
- वर्षा के तुरंत बाद काटे गए कोदो को खाने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
- Tags :
- Wildlife Conservation
- kodo Millet
- आदिवासी समुदायों का मुख्य भोजन
- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
सेन्ना टोरा के पौधे
तमिलनाडु वन विभाग मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (MTR) में पाए जाने वाले आक्रामक सेन्ना टोरा पादप को हटाने का नवीन प्रयोग कर रहा है।
सेन्ना टोरा के बारे में
- मूल प्रजाति: दक्षिण और मध्य अमेरिका की मूल प्रजाति है। यह सूखे घास के मैदानों व क्षेत्रों में वृद्धि करता है।
- खतरा: मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में मौजूद विस्तृत घास के मैदान को इस आक्रामक प्रजाति से खतरा है। इससे इस घास के मैदान पर निर्भर हाथियों, हिरणों और भारतीय गौर जैसे स्थानीय वन्यजीवों पर भी अस्तित्व संबंधी खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
"आक्रामक प्रजाति" के बारे में
- एक आक्रामक प्रजाति ऐसी प्रजाति होती है, जो एक नए परिवेश (जहां यह मूल निवासी नहीं होती) में पारिस्थितिक या आर्थिक नुकसान का कारण बनती है। ये स्थानिक वन्य जीवों व मानव स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
- जैसे- लैंटाना कैमारा, प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा आदि।
- Tags :
- Invasive Alien Species (IAS)
- senna tora
- Invasive species Threats
- मुदुमलाई टाइगर रिजर्व
- आक्रामक प्रजाति
चाबहार बंदरगाह
विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान अफगानिस्तान को चाबहार बंदरगाह तक पहुंच प्रदान करने की पेशकश की।

चाबहार बंदरगाह के बारे में
- अवस्थिति: यह ओमान की खाड़ी के मुहाने पर स्थित है।
- चाबहार परियोजना: इसमें दो अलग-अलग बंदरगाह हैं- शाहिद बेहिश्ती और शाहिद कलंतरी।
- महत्त्व:
- यह भारत को मध्य एशिया तक पहुंच का एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है। इस प्रकार भारत को अफगानिस्तान व मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान से होकर पहुंच प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।
- ज्ञातव्य है कि ईरान और भारत दोनों अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) परियोजना में चाबहार बंदरगाह की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं।
- Tags :
- India-Middle East Europe Economic Corridor (IMEC)
- चाबहार बंदरगाह
- ईरान और भारत दोनों अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC)