मार्च 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 नवंबर को “ट्रांसनेशनल संगठित अपराध (TOC) के सभी रूपों की रोकथाम और उनके खिलाफ संघर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस” घोषित किया गया था।
ट्रांसनेशनल (अंतर्राष्ट्रीय) संगठित अपराध (TOC) के बारे में
- परिभाषा: ट्रांसनेशनल संगठित अपराध वास्तव में वह संगठित अपराध है, जिसे कई देशों में बैठे अपराधियों के समन्वय से अंजाम दिया जाता है।
- इसके तहत अलग-अलग देशों में सक्रिय व्यक्तियों के समूह या मार्केट अवैध व्यापारिक गतिविधियों की योजना बनाते हैं और उन्हें अंजाम देते हैं।
- प्रकार/ रूप: ट्रांसनेशनल संगठित अपराध में शामिल हैं- मादक पदार्थों की तस्करी, प्रवासियों की तस्करी, मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, हथियारों की तस्करी, नकली वस्तुओं की तस्करी, आदि।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प (2019): इस संकल्प में आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच बढ़ते गठजोड़ के बारे में चिंताओं को उजागर किया गया है। साथ ही, इसमें नीतिगत उपायों के जरिए गठजोड़ से निपटने की सिफारिश भी की गई है।
आतंकवादियों और संगठित अपराध के बीच गठजोड़
- आतंकवाद का वित्त-पोषण: आतंकवादियों को संगठित अपराधों को अंजाम देने से वित्तीय मदद मिलती है।उदाहरण के लिए- भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय विद्रोही समूह अवैध ड्रग्स व हथियारों की आपूर्ति के कूरियर बनकर धन जुटाते हैं।
- संगठित आपराधिक समूह आतंकवादियों को सीमा पार कराने और संगठित आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने हेतु विदेशी आतंकवादी लड़ाकों को वापस लाने में संलिप्त होते हैं।
- उदाहरण के लिए- दक्षिण-पूर्व एशिया से भारत में प्रवेश हेतु मोरेह और संपूर्ण चटगांव पहाड़ी क्षेत्र, विशेष रूप से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार का इस्तेमाल किया जाता है।
- मोरेह भारत-म्यांमार की सीमा पर मणिपुर में स्थित है।
- उदाहरण के लिए- दक्षिण-पूर्व एशिया से भारत में प्रवेश हेतु मोरेह और संपूर्ण चटगांव पहाड़ी क्षेत्र, विशेष रूप से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार का इस्तेमाल किया जाता है।
- जाली मुद्रा का प्रसार: उदाहरण के लिए, आतंकवादी कश्मीर के भीतर भारतीय जाली मुद्रा प्रवेश कराने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। फिर ये जाली मुद्राएं यहां से पूरे भारत में प्रसारित हो जाती हैं।
ट्रांसनेशनल संगठित अपराध से निपटने के लिए शुरू की गई पहलें
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