'रेजिंग एम्बिशन एंड एक्सलेरेटिंग डिलीवरी ऑफ़ क्लाइमेट फाइनेंस' रिपोर्ट जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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    'रेजिंग एम्बिशन एंड एक्सलेरेटिंग डिलीवरी ऑफ़ क्लाइमेट फाइनेंस' रिपोर्ट जारी की गई

    Posted 16 Nov 2024

    Updated 18 Nov 2024

    13 min read

    यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के 29वें पक्षकारों के सम्मेलन (CoP-29) में जारी की गई है।

    • इस रिपोर्ट में पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ एनर्जी ट्रांजीशन, अनुकूलन एवं लचीलापन, हानि व क्षति, प्राकृतिक पूंजी तथा जस्ट ट्रांजीशन जैसे क्षेत्रकों में निवेश की आवश्यकताओं का अनुमान लगाया गया है।

    रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:

    • 2030 तक जलवायु कार्रवाई के लिए लगभग 6.3-6.7 ट्रिलियन डॉलर प्रति वर्ष वैश्विक निवेश किए जाने की आवश्यकता है। 
      • चीन के अलावा, उभरते बाजार और विकासशील देशों (EMDCs) को 2.3-2.5 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत है।
        • वर्तमान में, अधिकतर निवेश भारत और ब्राजील जैसी अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित है। 
    • वित्त-पोषण अंतराल को कम करने में गैर-पारंपरिक स्रोतों की भूमिका में बढ़ोतरी हुई है। गैर-पारंपरिक स्रोतों में स्वैच्छिक कार्बन बाजार, दक्षिण-दक्षिण सहयोग, विशेष आहरण अधिकार आदि शामिल हैं।  
    • सौर ऊर्जा की प्रौद्योगिकी लागत में गिरावट और चीन से सौर उत्पादों की आपूर्ति में भारी वृद्धि के कारण विकासशील देशों के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा हुए हैं। 

    रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें:

    • सहयोग को मजबूत करने, क्षेत्रीय निवेश योजनाओं के विकास और परियोजना पाइपलाइनों के सह-निर्माण सहित देशों को जलवायु वित्त के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। 
      • सार्वजनिक वित्त-पोषण: जलवायु वित्त के लिए देशों को अपने ऋण और राजकोषीय स्थिति का बेहतर प्रबंधन करना होगा। साथ ही, घरेलू संसाधन जुटाने को बढ़ावा देने के लिए कार्बन मूल्य निर्धारण जैसे उपाय अपनाने होंगे।
      • निजी निवेश: देशों को पूंजी की लागत कम करने, रियायती वित्त के लिए विकल्पों का विस्तार करने, कार्बन बाजारों की क्षमता का दोहन करने आदि पर बल देना चाहिए।
    • बहुपक्षीय विकास बैंकों को जलवायु वित्त पर नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (NCQG) के हिस्से के रूप में 2030 तक ऋण देने की क्षमता को तीन गुना करने के लिए काम करना चाहिए।

    जलवायु वित्त की सुविधा के लिए तंत्र 

    • वैश्विक पर्यावरण सुविधा (1991): इसका गठन जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के लिए किया गया है।
    • ग्रीन क्लाइमेट फंड (2010): इसे CoP-16 (कानकुन कांफ्रेंस) में विकासशील देशों को समर्थन देने के लिए स्थापित किया गया था। 
    • नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (NCQG): यह मौजूदा दौर में काफी चर्चा में है। इसका उद्देश्य 2025 के बाद विकासशील देशों को उनके जलवायु कार्यों में समर्थन देने के लिए एक नया वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करना है।
    • Tags :
    • UNFCCC
    • नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य
    • वैश्विक पर्यावरण सुविधा
    • CoP-29
    • Green Climate Fund (GCF)
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