इजरायल और लेबनान के हिज़्बुल्लाह ने 13 महीने से चल रहे सीमा-संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता से लाए गए सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
- गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच वर्तमान सीमा-संघर्ष ने पूर्ण युद्ध का रूप धारण कर लिया था।

इजरायल-हिज्बुल्लाह समझौते के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- यह सीजफायर समझौता 2006 में अपनाए गए “UNSC रेज़ॉल्यूशन 1701” के प्रावधानों पर आधारित है।
- इजरायल के लिए प्रावधान: इस समझौते के तहत इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) 60 दिनों के भीतर लेबनान के आंतरिक हिस्सों से वापस ब्लू लाइन पर आ जाएगी।
- इजरायल और लेबनान के बीच यह ब्लू लाइन संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2000 में निर्धारित की गई थी। यह दोनों देशों के बीच एक अनौपचारिक सीमा के रूप में कार्य करती है।
- हिज़्बुल्लाह के लिए प्रावधान: हिज़्बुल्लाह को लिटानी नदी के दक्षिण से अपने सभी लड़ाकों को वापस बुलाना होगा और हथियारों को हटाना होगा।
- लेबनान के लिए प्रावधान: दक्षिणी लेबनान में लेबनानी सेना और यूनाइटेड नेशंस इंटरिम फोर्स इन लेबनान (UNIFIL) इजरायली डिफेंस फोर्स और हिज्बुल्लाह की जगह लेंगे।
- लेबनानी सरकार की सहमति के बिना लेबनान में न तो किसी विदेशी सेना की तैनाती होगी और न ही हथियारों की आपूर्ति की जाएगी।
UNSC रेज़ॉल्यूशन 1701 {संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)-संकल्प 1701} के बारे में
- UNSC रेज़ॉल्यूशन 1701 के कारण ही 2006 का इजरायल-हिज्बुल्लाह युद्ध समाप्त हुआ था।
- इस रेज़ॉल्यूशन के अनुसार, लेबनान की लिटानी नदी के दक्षिणी हिस्से में केवल लेबनानी सेना और यू.एन. पीसकीपिंग फोर्स {यू.एन. इंटरिम फोर्स इन लेबनान (UNIFIL)} के सैनिक ही सशस्त्र बल के रूप में मौजूद रहेंगे।