मंत्रालय के अनुसार, इथेनॉल सम्मिश्रण की दर 2013-14 की 1.53% से बढ़कर 2023-24 में लगभग 14.60% हो गई है।
इथेनॉल सम्मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के बारे में
- उद्देश्य: इस कार्यक्रम की शुरुआत 2003 में पेट्रोल में इथेनॉल के सम्मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
- लक्ष्य: 2025-26 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल सम्मिश्रित करना। यह लक्ष्य अर्जित करने की समय-सीमा पहले 2030 निर्धारित की गई थी, जिसे बदलकर 2025-26 किया गया है।
- EBP कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने वाली पहलें
- राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (2018) लागू की गई है।
- समर्पित इथेनॉल संयंत्रों (DEPs) की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल ब्याज अनुदान योजनाएं (EISS) चलाई जा रही हैं।
- EBP कार्यक्रम के लिए इथेनॉल पर GST को 18% से घटाकर 5% किया गया है।
- एक बार फिर से प्रशासित मूल्य तंत्र की शुरुआत की गई है।
- देश भर में इथेनॉल की सुचारू आवाजाही के लिए उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 में संशोधन किया गया है।
इथेनॉल सम्मिश्रण के प्रमुख लाभ
- विदेशी मुद्रा की बचत: 2014 से अब तक, 18.5 मिलियन टन कच्चे तेल को इथेनॉल से बदला गया है। इसके साथ ही, आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होने के कारण 1.08 ट्रिलियन रुपये की बचत हुई है।
- पर्यावरणीय संधारणीयता: इथेनॉल सम्मिश्रण से अब तक कार्बन उत्सर्जन में 55.7 मिलियन मीट्रिक टन की कमी आई है।
- चीनी उद्योगों के प्रमुख मुद्दों का समाधान: इथेनॉल उत्पादन ने चीनी कारखानों को अपने अधिशेष चीनी स्टॉक को कम करने और गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए शीघ्र राजस्व उत्पन्न करने में मदद की है।
इथेनॉल क्या है?
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