"PPP प्लस PPP" एक प्रकार का दो-स्तरीय सहयोग होता है। इसमें भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक एकजुट होकर और साथ-ही अंतर्राष्ट्रीय समकक्षों के साथ भी जुड़ते हुए स्वास्थ्य देखभाल सेवा संबंधी अवसंरचना को मजबूत करते हैं।
- यह मॉडल विश्व मधुमेह दिवस (14 नवंबर) पर लॉन्च किया गया है। इस दिवस को 2006 में संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्रदान की गई थी। इसकी 1991 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (IDF) ने शुरुआत की थी। ज्ञातव्य है कि IDF एक गैर-लाभकारी संगठन है।
मधुमेह या डायबिटीज मेलिटस के बारे में
- यह एक दीर्घकालिक, चयापचय संबंधी रोग है। यह रक्त शर्करा के स्तर (हाइपरग्लाइसेमिया) को बढ़ा देता है।
- लक्षण: मूत्र के माध्यम से ग्लूकोज का शरीर से बाहर निकलना और कीटोन नामक हानिकारक यौगिकों का निर्माण होना।
- इससे हृदय, रक्त वाहिकाओं, आंखों, किडनी और तंत्रिकाओं को गंभीर क्षति हो सकती है।
- इस रोग के प्रमुख प्रकार
- टाइप-1 (किशोर मधुमेह या इंसुलिन पर निर्भर मधुमेह): यह एक प्रकार का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। इसमें इंसुलिन उत्पादक कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) द्वारा नष्ट कर दी जाती हैं।
- टाइप-2: यह डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है और यह आमतौर पर वयस्कों में होता है। यह तब होता है, जब शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है या शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है।
- गर्भकालीन मधुमेह: यह गर्भावस्था के दौरान होता है।
- व्यापकता: विश्व भर में लगभग 830 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इनमें से अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। भारत में लगभग 212 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित हैं।
- उपचार का अभाव: 50% से अधिक रोगियों को उपचार नहीं मिल पाता है।
- मधुमेह का उपचार न कराने वाले लगभग 64 मिलियन पुरुषों और 69 मिलियन महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी अन्य गंभीर खतरों का उच्च जोखिम होता है।
- WHO का लक्ष्य: 2025 तक मधुमेह और मोटापे में वृद्धि को रोकना।
इंसुलिन के बारे में
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