यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की अंतर्राष्ट्रीय मीथेन उत्सर्जन वेधशाला (IMEO) द्वारा प्रकाशित की गई है।
- IMEO ग्लोबल मीथेन प्लेज (Global Methane Pledge) का एक मुख्य कार्यान्वयन भागीदार है। यह मीथेन उत्सर्जन पर मुक्त, विश्वसनीय और कार्रवाई योग्य डेटा प्रदान करता है।
- IMEO निम्नलिखित स्रोतों से डेटा एकत्र कर प्रकाशित करती है-
- ऑयल एंड गैस मीथेन पार्टनरशिप 2.0 (OGMP 2.0): OGMP 2.0 के माध्यम से उद्योग की कठोरतापूर्वक रिपोर्टिंग के जरिये डेटा एकत्र किया जाता है;
- मीथेन अलर्ट एंड रिस्पॉन्स सिस्टम (MARS): MARS के माध्यम से उपग्रहों से डेटा एकत्र किया जाता है;
- वैश्विक मीथेन विज्ञान अध्ययनों के जरिये डेटा एकत्र किया जाता है;
- राष्ट्रीय उत्सर्जन इन्वेंट्रीज़ से भी डेटा एकत्र किया जाता है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- ग्लोबल वार्मिंग: मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन वर्तमान में पृथ्वी के तापमान में लगभग एक तिहाई की वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।
- तेल और गैस क्षेत्रकों से होने वाला उत्सर्जन: UNEP का OGMP 2.0, वैश्विक मीथेन उत्पादन का केवल 42% ही कवर करता है। ज्ञातव्य है कि OGMP 2.0 के तहत इसके सदस्यों को अपने मीथेन उत्सर्जन की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
- इस्पात आपूर्ति श्रृंखला से उत्सर्जन: स्टील उत्पादन में प्रयुक्त धातुकर्म कोयले (Metallurgical coal) के उत्पादन से होने वाला मीथेन उत्सर्जन ऊर्जा क्षेत्रक से होने वाले कुल उत्सर्जन का 10% है। इसे न्यूनतम लागत पर कम किया जा सकता है।
- उत्सर्जन पर खराब प्रतिक्रिया: IMEO देशों को MARS के जरिये मीथेन उत्सर्जन की बड़ी घटनाओं के बारे में अलर्ट नोटिफिकेशन भेजता है, लेकिन ऐसे अलर्ट्स में से केवल 1% पर ही कोई ठोस प्रतिक्रिया मिलती है।
मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिए उठाए गए कदम
- वैश्विक स्तर पर: ग्लोबल मीथेन प्लेज, जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन, ग्लोबल मीथेन एलायंस आदि।
- भारत: जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार (NICRA) परियोजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, गोबर-धन योजना, नया राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद कार्यक्रम आदि।
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