ICRIER ने “भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को युक्तिसंगत बनाना” शीर्षक से पॉलिसी ब्रीफ जारी किया | Current Affairs | Vision IAS
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ICRIER ने “भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को युक्तिसंगत बनाना” शीर्षक से पॉलिसी ब्रीफ जारी किया

Posted 18 Nov 2024

14 min read

इस पॉलिसी ब्रीफ के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कई वास्तविक लाभार्थियों को अनाज नहीं मिलने और अनाज का अन्य उद्देश्यों में उपयोग की शिकायतें शामिल हैं। इस ब्रीफ में लीकेज को समाप्त करने तथा खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु PDS में सुधार के तरीके बताए गए हैं। 

पॉलिसी ब्रीफ के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

  • PDS लीकेज: भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य सरकारों द्वारा आपूर्ति किया गया 28% आवंटित अनाज वास्तविक लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता है। 
    • इससे लगभग 69,108 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। 
  • हालिया सुधारों का प्रभाव: राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने और 95% उचित मूल्य की दुकानों (FPS) पर पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों की उपलब्धता से अनाज वितरण में दक्षता बढ़ी है। हालांकि, अभी भी लीकेज पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। 
  • अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग स्थिति: बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने PDS लीकेज को कम करने में अधिक सुधार दर्ज किए हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों और गुजरात में उच्च लीकेज की स्थिति बनी हुई है। 
    • विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में PDS का डिजिटलीकरण नहीं होने की वजह से उच्च लीकेज जारी है। 

मुख्य सुझाव 

  • वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना: वर्तमान में देश की लगभग 57% आबादी को PDS के तहत मुफ्त अनाज वितरित किया जा रहा है। इसके बदले में सबसे गरीब 15% लाभार्थियों को मुफ्त अनाज देना चाहिए। 
    • शेष लाभार्थियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की 50% की दर से खाद्यान्न वितरित करना चाहिए। 
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) का विस्तार करना चाहिए। इसके निम्नलिखित लाभ हैं:
    • DBT अनाज के लीकेज को कम करता है, 
    • यह प्रशासनिक लागत को कम करता है और 
    • यह नागरिकों को अपनी इच्छा और जरूरत के अनुसार आहार चुनने में सशक्त बनाता है।
  • उचित मूल्य की दुकानों (FPS) को पोषण केंद्रों में बदलना: अनाज की हेराफेरी की समस्या से निपटने के लिए चुनिंदा FPS में फ़ूड कूपन जारी करने की व्यवस्था लागू की जा सकती है। 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के बारे में

  • लाभार्थियों के कवरेज के हिसाब से यह दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य वितरण कार्यक्रम है।
  • यह प्रणाली केंद्र और राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी के तहत संचालित होती है। 
    • केंद्र सरकार FCI के जरिए खाद्यान्नों की खरीद, भंडारण, परिवहन और थोक आवंटन के लिए जिम्मेदार है।
    • राज्य सरकारें राज्य के भीतर खाद्यान्नों के आवंटन, पात्र परिवारों की पहचान, राशन कार्ड जारी करने तथा उचित मूल्य की दुकानों की निगरानी एवं परिचालन के लिए उत्तरदायी है।
  • PDS का विकास: 
    • 1992 में संशोधित सार्वजनिक वितरण प्रणाली शुरू की गई।
    • 1997 में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) शुरू की गई। 
    • 2000 में अंत्योदय अन्न योजना (AAY) शुरू की गई।
    • 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया। 
    • 2020 में प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) शुरू की गई।
  • Tags :
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
  • PMGKAY
  • अंत्योदय अन्न योजना (AAY)
  • उचित मूल्य की दुकानों (FPS)
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)
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