समान सुरक्षा प्रोटोकॉल (Uniform Protection Protocol)
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने भारतीय ग्रिड के यूजर्स के लिए समान सुरक्षा प्रोटोकॉल को मंजूरी दी। इसे अखिल भारतीय स्तर पर लागू किया जाएगा।
समान सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में
- उद्देश्य:
- ग्रिड से निरंतर और बिना बाधा के विद्युत आपूर्ति एवं ग्रिड की सुरक्षा सुनिश्चित करना,
- 2030 तक राष्ट्रीय ग्रिड में 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के समेकन के भारत के लक्ष्य की प्राप्ति का समर्थन करना।
- यह प्रोटोकॉल तापीय और जलविद्युत उत्पादन केंद्रों की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगा।
- विद्युत आपूर्ति में असामान्य स्थिति उत्पन्न होने पर उपकरण/ प्रणाली को बचाने के लिए सुरक्षा प्रणालियों में उचित समन्वय सुनिश्चित करेगा।
- यह दोषपूर्ण उपकरणों को अलग करने में मदद करेगा और सुरक्षा प्रणाली के दोषपूर्ण संचालन से बचाएगा।
- Tags :
- नवीकरणीय ऊर्जा
- राष्ट्रीय ग्रिड
- समान सुरक्षा प्रोटोकॉल
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परागणक (Pollinators)
शोधकर्ताओं ने प्रबंधित पश्चिमी मधुमक्खियों और जंगली परागणकों के बीच रोगजनकों के संचरण का खुलासा किया है। इस प्रक्रिया को रोगजनक स्पिलओवर और स्पिलबैक कहा जाता है।
- पश्चिमी मधुमक्खियां प्रायः विषाणुओं का भण्डार होती हैं और जंगली परागणकों की प्रजातियों को संक्रमित कर सकती हैं। इससे परागणक समुदाय को व्यापक पैमाने पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
परागणक
- मधुमक्खियां, तितलियां, पक्षी, चमगादड़ जैसे प्रमुख परागणक एक पादप से दूसरे पादप तक पराग को ले जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी अंतर्क्रिया है, जो अधिकांश पुष्पीय पादपों की प्रजनन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण आनुवंशिक सामग्री के स्थानांतरण को सक्षम बनाती है।
- विश्व के तीन-चौथाई पुष्पीय पादप और लगभग 35% खाद्य फसलें प्रजनन के लिए जीव परागणकों पर निर्भर हैं।
- Tags :
- परागणक
- मधुमक्खियां
- खाद्य फसलें
करीबा झील
सूखे के कारण करीबा झील का जलस्तर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे क्षेत्र में बिजली की कमी हो गई है।
करीबा झील के बारे में
- आयतन की दृष्टि से यह विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम झील एवं जलाशय है।
- यह ज़ाम्बिया और जिम्बाब्वे के बीच स्थित है। 1955 में जेम्बेजी नदी पर बांध बनाने से इस झील का निर्माण हुआ था।
- इसका निर्माण 1950 के दशक में शुरू हुआ था जब उत्तरी और दक्षिणी रोडेशिया (अब जाम्बिया व जिम्बाब्वे) पर ब्रिटिश शासन था।
- करीबा बांध जाम्बिया और जिम्बाब्वे दोनों को बिजली की आपूर्ति करता है। साथ ही, अफ्रीका में फलते-फूलते वाणिज्यिक मत्स्यन उद्योग को सहायता भी प्रदान करता है।
- Tags :
- करीबा झील
- सबसे बड़ी कृत्रिम झील
- जेम्बेजी नदी
हिंद महासागर द्विध्रुव (Indian Ocean Dipole: IOD)
- अध्ययन से पता चलता है कि मालदीव में मैंग्रोव की वापसी समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और चरम हिंद महासागर द्विध्रुव से जुड़ी हुई है।
हिंद महासागर द्विध्रुव (Indian Ocean Dipole: IOD) के बारे में:
- यह पश्चिमी हिंद महासागर और पूर्वी हिंद महासागर के बीच समुद्री सतह के तापमान में अंतर है। इसलिए, इसे द्विध्रुव कहा जाता है। इसे ‘भारतीय नीनो’ भी कहा जाता है।
- IOD के निम्नलिखित तीन चरण होते हैं:
- धनात्मक IOD: यह तब होता है जब हिंद महासागर का पश्चिमी भाग (सोमालिया तट के पास), पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में अधिक गर्म हो जाता है।
- धनात्मक IOD भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीकी तट पर वर्षा कराने के लिए अनुकूल माना जाता है, जबकि इंडोनेशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया में वर्षा की संभावना को कम करता है।
- ऋणात्मक चरण: वहीं, पश्चिमी हिंद महासागर के ठंडा होने और पूर्वी हिंद महासागर के गर्म होने से ऋणात्मक IOD की स्थिति बनती है। इसके परिणामस्वरूप, ऑस्ट्रेलिया में अधिक वर्षा होती है, जबकि पूर्वी अफ्रीका में शुष्क स्थिति पैदा हो जाती है।
- तटस्थ चरण: जब पूरे हिंद महासागर में तापमान सामान्य के करीब होता है, तो उस स्थिति को तटस्थ IOD कहते हैं।
- धनात्मक IOD: यह तब होता है जब हिंद महासागर का पश्चिमी भाग (सोमालिया तट के पास), पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में अधिक गर्म हो जाता है।
- संबंधित समुद्र- जलस्तर में परिवर्तनों से तटीय बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
- Tags :
- हिंद महासागर
- मैंग्रोव की वापसी
- समुद्र के जलस्तर में वृद्धि
- हिंद महासागर द्विध्रुव
प्रथम “त्रिपक्षीय विद्युत लेन-देन”
भारतीय ग्रिड के जरिए नेपाल से बांग्लादेश में विद्युत आपूर्ति की गई। यह पहला त्रिपक्षीय विद्युत लेन-देन है।
- इससे पहले NTPC विद्युत व्यापार निगम, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड ने एक त्रिपक्षीय विद्युत बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
त्रिपक्षीय विद्युत समझौते के बारे में
- इस समझौते से भारतीय ग्रिड के जरिए नेपाल से बांग्लादेश तक बिजली की बाधारहित आपूर्ति की जा सकेगी। इस समझौते में 40 मेगावाट तक बिजली के निर्यात का प्रावधान किया गया है।
- इस समझौते से क्षेत्र के देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्रक सहित कई अन्य क्षेत्रकों में सहयोग बढ़ेगा। इससे इस क्षेत्र के सभी हितधारकों को पारस्परिक लाभ होगा और देशों के बीच संपर्कों में वृद्धि होगी।
- Tags :
- त्रिपक्षीय विद्युत लेन-देन
- भारतीय ग्रिड
- ऊर्जा सहयोग
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आयुष्मान वंदना योजना
आयुष्मान वंदना योजना के शुरू होने के तीन सप्ताह के भीतर 10 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने इसमें लाभार्थी के रूप में नामांकन कराया है।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत नामांकित लाभार्थियों में लगभग 4 लाख महिलाएं हैं।
आयुष्मान वंदना योजना के बारे में
- यह योजना अक्टूबर 2024 में शुरू की गई थी। यह आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का घटक है।
- इस योजना का उद्देश्य 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को नि:शुल्क स्वास्थ्य-देखभाल सेवा प्रदान करना है।
- AB-PMJAY को 2018 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के विज़न को प्राप्त करना है।
- इस योजना के तहत आयुष्मान वय वंदना कार्ड जारी किए गए हैं। कार्ड धारकों को कई तरह की बीमारियों के उपचार की नि:शुल्क सुविधा दी गई है।
- Tags :
- आयुष्मान वंदना योजना
- आयुष्मान वय वंदना कार्ड
- आयुष्मान भारत
बैक्टीरियल कंप्यूटर
हाल ही में, कोलकाता के शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक बायोलॉजी में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। उन्होंने बैक्टीरिया को इंजीनियर्ड करके उसे गणितीय और कम्प्यूटेशनल कार्य करने में सक्षम बनाया है।
- बैक्टीरिया में जेनेटिक सर्किट प्रवेश करके यह सफलता हासिल की गई है।
- जेनेटिक सर्किट जैविक प्रणाली है। यह कोशिकाओं को उपयोगी कार्य करके एक-दूसरे से संचार करने और प्रतिक्रिया देने में मदद करती है।
- इस तरह अलग-अलग आनुवंशिक सर्किट वाले इंजीनियर्ड बैक्टीरिया को आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के रूप में कार्य करने के लिए आपस में जोड़ा जा सकता है। इस तरह एकीकृत रूप में ये ऐब्स्ट्रैक्ट मैथमेटिक्स में सक्षम हो जाते हैं।
- ऐसे नेटवर्क में, प्रत्येक इंजीनियर्ड बैक्टीरिया एक "बैक्टोन्यूरॉन" के रूप में कार्य करता है। इस तरह वह एक कृत्रिम न्यूरॉन के रूप में कार्य करता है।
- संभावित उपयोग:
- बीमारी का शुरुआत में ही पता लगाने और उपचार में;
- कोशिका-आधारित बायोकंप्यूटर के माध्यम से कार्बन पृथक्करण में वृद्धि में;
- फास्ट कंप्यूटिंग में आदि।
- Tags :
- बैक्टीरिया
- जेनेटिक सर्किट
- इंजीनियर्ड बैक्टीरिया
- आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क
APOBEC फैमिली
शोधकर्ताओं ने Mpox वायरस के क्लेड 1a स्ट्रेन के मानव-से-मानव में संचरण के साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं।
- इस संक्रमण की वजह APOBEC-जनित म्युटेशन है। APOBEC-जनित म्युटेशन DNA में विशिष्ट म्युटेशन (उत्परिवर्तन) उत्पन्न कर सकते हैं।
APOBEC के बारे में
- APOBEC से आशय “एपोलिपोप्रोटीन B mRNA एडिटिंग एंजाइम, कैटेलिटिक पॉलीपेप्टाइड लाइक” है। यह एक प्रकार की प्रोटीन फैमिली है। यह मानव स्वास्थ्य में कई कार्य संपन्न करती है।
- इनमें RNA और सिंगल-स्ट्रैंडेड DNA, दोनों से जुड़ने की प्राकृतिक क्षमता होती है।
- इन कोशिकाओं में प्रतिकृति बनाए जाने के दौरान वायरस के DNA में परिवर्तन (म्युटेशन) ला सकते हैं।
- ऐसा करके, APOBEC प्रोटीन वायरस को गलतियां करने के लिए मजबूर करते हैं। इनमें से कुछ गलतियां वायरस के लिए घातक हो सकती हैं। इससे उनकी प्रतिकृति प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
- Tags :
- Mpox वायरस
- APOBEC-जनित म्युटेशन
- म्युटेशन (उत्परिवर्तन)