महापाषाण संस्कृति
हाल ही में, केरल के कासरगोड में महापाषाण काल से जुड़ी एक पुरातात्विक खोज की गई। इस खोज में लोहे के औजारों से बनाई गई शैलकृत (rock-cut) नक्काशी प्राप्त हुई है।
- इन नक्काशियों में बच्चों और वयस्कों दोनों की मानव आकृतियों का चित्रण किया गया है।
महापाषाण संस्कृति के बारे में
- अवधि: लौह युग (1500 ई. पू.-500 ई. पू.) से संबंधित है।
- महापाषाण: यह उस काल खंड को संदर्भित करता है जब शवों को जमीन के अंदर दफ़न कर उसे बड़े-बड़े पत्थरों से ढका जाने लगा था।
- प्रकार: बहु-पाषाण (डोल्मेन, केयर्न, क्रोमलेख, सिस्ट आदि) और एकाश्म (मेन्हिर)।
- महापाषाण संस्कृति से संबंधित स्थल: आदिचनल्लूर व कोडुमनाल (तमिलनाडु); त्रिशूर और कुन्नत्तूर (केरल) आदि।
- विशेषताएं: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था; पशुचारण; धातु, लकड़ी और चीनी मिट्टी उद्योग व शिल्प; धार्मिक प्रथाएं (जीववाद) आदि।
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आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADDM- Plus)
भारत के रक्षा मंत्री ने लाओ पीडीआर के वियनतियाने में 11वें ADDM- प्लस के अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा मंत्री से भेंट की।
ADDM- प्लस के बारे में
- इसमें आसियान के 10 सदस्य देश और 8 संवाद साझेदार शामिल हैं।
- संवाद साझेदारों में ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- ADDM- प्लस की पहली बैठक 2010 में वियतनाम की राजधानी हनोई में आयोजित हुई थी।
- 2017 से, ADDM-प्लस के मंत्री आसियान और आसियान प्लस देशों के बीच संवाद व सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष बैठक करते हैं।
- इसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को मजबूत करना है।
- इसमें व्यावहारिक सहयोग के सात क्षेत्रकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये क्षेत्रक हैं- समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से निपटना, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR), शांति अभियान, सैन्य चिकित्सा, मानवीय दृष्टि से लैंडमाइन हटाने की कार्रवाई और साइबर सुरक्षा।
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अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC)
हाल ही में, ICC ने गाजा संघर्ष में कथित युद्ध अपराधों के लिए इजरायल के प्रधान मंत्री और हमास नेता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के बारे में:
- युद्ध अपराध, नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता के अपराध करने के आरोपी व्यक्तियों की जांच करने व उन पर मुकदमा चलाने के लिए स्थापित पहला अंतर्राष्ट्रीय स्थायी न्यायालय है।
- यह एक स्वतंत्र न्यायिक संस्था है। यह संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा नहीं है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ICC के अभियोजक को कुछ मामलों की जांच सौंप सकती है।
- संस्थापक संधि: ICC की स्थापना रोम संविधि (Rome Statute) से हुई है। यह संविधि 2002 में लागू हुई थी। इस संविधि पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के तहत समझौता हुआ था।
- सदस्य: 124 सदस्य।
- भारत, इजरायल, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन ICC के सदस्य नहीं हैं।
- मुख्यालय: द हेग (नीदरलैंड)।
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विज़न (VISION) पोर्टल
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने विज़न पोर्टल का शुभारंभ किया।
- यहां विज़न (VISION) से आशय है- विकसित भारत इनिशिएटिव फॉर स्टूडेंट इनोवेशन एंड आउटरीच नेटवर्क।
विज़न पोर्टल के बारे में
- इसका उद्देश्य वंचित बच्चों में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा देना है।
- यह दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्राप्त करने के साधन के रूप में कार्य कर सकता है।
- यह पोर्टल विज़न इंडिया 2047 के तहत देश की आकांक्षाओं को साकार करने का अभिन्न हिस्सा है।
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- विज़न पोर्टल
- विज़न इंडिया 2047
- कौशल विकास और नवाचार
भारत NCX 2024
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के सहयोग से भारत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास (भारत NCX 2024) का उद्घाटन किया।
- NSCS देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों पर सर्वोच्च संस्था के रूप में कार्य करता है।
भारत NCX 2024 के बारे में
- इसका उद्देश्य नए खतरों से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा पेशेवरों और लीडर्स को प्रशिक्षित करके भारत की साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है।
- इसमें गहन प्रशिक्षण, लाइव-फायर सिमुलेशन और रणनीतिक निर्णय लेने का अभ्यास शामिल है। यह राष्ट्रीय स्तर के साइबर खतरे जैसी स्थिति में निर्णय लेने का अभ्यास करने हेतु विविध क्षेत्रों के वरिष्ठ प्रबंधकों को एक साथ लाएगा।
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- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS)
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पादप-प्लवक प्रस्फुटन (Phytoplankton bloom)
हाल ही में, वैज्ञानिकों को इस तथ्य के प्रमाण मिले हैं कि मरुस्थलीकरण के कारण पोषक तत्वों से युक्त धूलकण बड़ी मात्रा में मेडागास्कर के दक्षिण-पूर्व में हिंद महासागर में प्रवेश कर गए हैं। इससे पादप-प्लवक प्रस्फुटन (Phytoplankton bloom) की परिघटना देखी गई।
पादप-प्लवकों के बारे में:
- ये सूक्ष्म और एकल-कोशिकीय पादप (शैवाल) हैं। ये पादप समुद्र में पाए जाते हैं।
- ये समुद्र में कार्बन सिंक और खाद्य श्रृंखला को नियंत्रित करते हैं।
- पादप-प्लवक खाद्य श्रृंखला में प्राथमिक उत्पादक हैं।
पादप-प्लवक प्रस्फुटन के बारे में:
- यह पादप-प्लवकों की संख्या में अधिक वृद्धि की परिघटना है।
- अनुकूल दशाएं: समुद्री जल सतह का गर्म तापमान, स्थिर जल, बड़ी मात्रा में पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि।
- प्रभाव:
- ऐसे बायोटॉक्सिन का उत्पादन होता है जो समुद्री खाद्य जाल में प्रवेश कर सकता है;
- समुद्री जल में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। इससे ‘मृत क्षेत्र’ (Dead Zone) का निर्माण होता है।
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- सूक्ष्म और एकल-कोशिकीय पादप
- पादप-प्लवक खाद्य श्रृंखला
- ‘मृत क्षेत्र’ (Dead Zone)
पीजोइलेक्ट्रिक नैनोमटेरियल
भारतीय शोधकर्ताओं ने पेप्टाइड आधारित एडजस्टेबल पीजोरेस्पॉन्सिव नैनोमटेरियल विकसित किया है। यह मटेरियल ऊर्जा संचयन और जैविक उपकरणों (Biodevice) के निर्माण में मदद कर सकता है।
- पेप्टाइड अमीनो एसिड की एक छोटी श्रृंखला है।
पीजोरेस्पॉन्सिव नैनोमटेरियल (PN) के बारे में
- PN पर जब कोई यांत्रिक दबाव पड़ता है, तो यह अपने भौतिक गुणों (जैसे विद्युत प्रतिरोध) में परिवर्तन कर लेता है।
- यह अनोखी क्षमता दबाव पड़ने पर विद्युत आवेश उत्पन्न करने में मदद करती है।
- इस क्षमता के कारण, इन सामग्रियों का उपयोग आमतौर पर सेंसर्स, एक्चुएटर्स और ऊर्जा संचयन करने वाले उपकरणों के निर्माण किया जाता है।
- जब वे नैनोस्ट्रक्चर्ड सामग्रियों से बने होते हैं, तो इससे बाह्य बल के प्रति उनकी संवेदनशीलता और प्रतिक्रिया बढ़ जाती है।
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- पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल
- एडजस्टेबल पीजोरेस्पॉन्सिव नैनोमटेरियल
- पेप्टाइड