रूस के राष्ट्रपति ने संशोधित परमाणु सिद्धांत को मंजूरी प्रदान की | Current Affairs | Vision IAS
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रूस के राष्ट्रपति ने संशोधित परमाणु सिद्धांत को मंजूरी प्रदान की

Posted 22 Nov 2024

14 min read

रूस ने अपने 2020 के परमाणु सिद्धांत को अपडेट किया है। इस सिद्धांत में शत्रुओं को रोकने में परमाणु हथियारों की भूमिका की पुष्टि की गई है और उपयोग की संभावित परिस्थितियों को परिभाषित किया गया है। 

  • परमाणु सिद्धांत: यह परमाणु हथियारों के उद्देश्य, विकास और तैनाती के साथ-साथ उनके इच्छित उपयोग को भी परिभाषित करता है।

रूस के संशोधित परमाणु सिद्धांत के बारे में 

  • परमाणु हमले की विस्तारित परिभाषा: किसी परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र द्वारा समर्थित किसी परमाणु हथियार विहीन राष्ट्र द्वारा रूस के खिलाफ किसी भी आक्रमण को संयुक्त हमला माना जाएगा और यह परमाणु प्रतिशोध को उचित ठहराएगा।
    • इसमें स्पष्ट रूप से उन देशों का उल्लेख किया गया है, जो रूस के खिलाफ आक्रमण के लिए अपने क्षेत्रों का उपयोग करने की अनुमति दे रहे हैं।
  • परमाणु प्रतिक्रिया सीमा को कम करना: रूसी परमाणु सिद्धांत का विस्तार राष्ट्र के अस्तित्व की रक्षा से लेकर संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा तक हो गया है।
    • बेलारूस को औपचारिक रूप से रूस के परमाणु छत्र के अंतर्गत रखा गया।
  • संभावित परमाणु प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने वाले नए जोखिमों में शामिल हैं: रूसी सीमाओं के निकट सैन्य गठबंधनों का विस्तार और बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास; रूसी सीमाओं के निकट शत्रुओ के सैन्य बुनियादी ढांचे की स्थापना।

रूस के संशोधित परमाणु सिद्धांत के संभावित प्रभाव 

  • परमाणु प्रसार में वृद्धि: संशोधित परमाणु सिद्धांत सामरिक परमाणु युद्ध के उपयोग की संभावना को बढ़ाता है।
  • परमाणु अप्रसार व्यवस्था को कमजोर करना: संशोधित सिद्धांत से देशों को परमाणु हथियार कार्यक्रमों को छोड़ने के लिए राजी करने में कठिनाई बढ़ सकती है।
  • अविश्वास में बढ़ोतरी: रूस की कम होती परमाणु सीमा (Nuclear threshold) तथा "चरम परिस्थितियों" की विस्तारित परिभाषा से रूस और अमेरिका के बीच अविश्वास बढ़ सकता है।
    • यहां परमाणु सीमा से आशय युद्ध में परमाणु हथियारों का सहन सीमा से पहले ही उपयोग करने से है।  

भारत के परमाणु सिद्धांत (2003) के बारे में 

  • पहले उपयोग नहीं (No First Use): भारत परमाणु हथियारों का पहले उपयोग नहीं करेगा।
  • विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध (Minimum Deterrence): भारत संभावित हमलावरों को रोकने के लिए न्यूनतम परमाणु शस्त्रागार बनाए रखेगा।
  • व्यापक जवाबी कार्रवाई: परमाणु हमले की स्थिति में भारत व्यापक परमाणु हमले से जवाब देगा।
  • असैन्य नियंत्रण: परमाणु हमले के स्थिति में जवाबी हमला करने का आदेश देने का अधिकार केवल असैन्य-राजनीतिक नेतृत्व के पास होगा। यह नियंत्रण परमाणु कमान प्राधिकरण (NCA) के माध्यम से होगा। 
  • परमाणु हथियार विहीन देशों के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग न करना: भारत परमाणु हथियार नहीं रखने वाले देशों के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। 
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