वित्त मंत्री ने देश में विकसित हो रहे स्टार्ट-अप्स और गिग इकोनॉमी के संदर्भ में भारत की नवाचार क्षमताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इन उपक्रमों का उपयोग “ब्रांड इंडिया” स्थापित करने के लिए किया जा सकता है।
गिग अर्थव्यवस्था क्या है?
- इसकी विशेषता है- कार्य-आधारित, छोटे-छोटे हिस्सों में किया गया कार्य।
- विशेषताएं: अस्थायी अल्पकालिक अनुबंध, कामगारों को उनकी सुविधा के अनुसार काम करने की स्वतंत्रता, डिजिटल श्रम प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मध्यस्थता आदि।
- भारत में स्थिति
- नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020-2021 में भारत में लगभग 77 लाख कामगार गिग इकॉनमी में लगे हुए थे। ऐसी उम्मीद है कि यह संख्या 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ हो जाएगी।
- गिग अर्थव्यवस्था में अवसर:
- शहरीकरण की बढ़ती गति के साथ भारतीय बाजार तेजी से बढ़ रहे हैं।
- भारत में मध्यम वर्ग की उपभोग संबंधी मांगों में वृद्धि के साथ-साथ अनौपचारिक अर्थव्यवस्थाएं भी बढ़ रही हैं।
- व्यापक सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार कामगारों के एक आकांक्षी वर्ग की उपलब्धता।
- डिलीवरी और ई-कॉमर्स में व्यापक वृद्धि एवं विविधीकरण की संभावना।
इस क्षेत्रक के समक्ष मौजूद चुनौतियां
- सामाजिक सुरक्षा का अभाव; नियोजन संबंधी अनिश्चितता व शोषण; कामगारों की कानूनी स्थिति का अभाव; गिग वर्कर्स की परिभाषा में अस्पष्टता; प्लेटफ़ॉर्म कामगारों के कारण कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियां आदि।
गिग वर्कर्स के हित में उठाए जा सकने योग्य कदम
- नियोक्ता और व्यावसायिक सदस्यता संगठनों (EBMOs) की भूमिका: EBMOs सामाजिक संवाद को आकार देकर और चुनौतियों का समाधान करके गिग अर्थव्यवस्था में भूमिका निभा सकते हैं। उदाहरण के लिए, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को श्रम नीतियों पर चर्चा एवं वार्ता करने के लिए एक साथ लाकर "सामाजिक संवाद को सुविधाजनक बनाता है तथा सतत विकास व श्रमिक सुरक्षा के लिए नीतियों को आकार देता है"।
- प्लेटफॉर्म-आधारित व्यवसायों को बढ़ावा देना: वित्त-पोषण सहायता प्रदान करके प्लेटफॉर्म सृजन में तेजी लाने हेतु स्टार्ट-अप इंडिया की तर्ज पर प्लेटफॉर्म इंडिया पहल शुरू की जा सकती है। इसे नीति आयोग द्वारा समर्थन प्रदान किया जा सकता है।
- गिग और प्लेटफॉर्म कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करना: उनके लिए सवैतनिक बीमारी अवकाश, बीमा आदि की व्यवस्था की जा सकती है।
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पहलें
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