यह सांख्यिकी 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर जारी की गई। गौरतलब है भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
2023-24 के लिए मुख्य सांख्यिकी पर एक नजर
- कुल दूध उत्पादन: कुल 239.30 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ। यह पिछले 10 वर्षों में यानी 2014-15 से 5.62% की औसत वृद्धि है।
- दूध के तीन सबसे बड़े उत्पादक राज्य: उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश हैं।
- अंडा उत्पादन: लगभग 142.77 बिलियन अंडों का उत्पादन हुआ। यह पिछले 10 वर्षों में औसत 6.8% की वृद्धि है।
- अंडा उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान आंध्र प्रदेश का रहा और उसके बाद तमिलनाडु का।
- विश्व में भारत सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, वहीं विश्व में अंडा उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है।
- ऊन उत्पादन: भारत में लगभग 33.69 मिलियन किलोग्राम उन का उत्पादन हुआ। यह पिछले वर्ष की तुलना में 0.22% की आंशिक वृद्धि है।
पशुपालन के बारे में
- पशुपालन गतिविधि के तहत पशुधन और चुनिंदा नस्ल के मवेशियों का पालन किया जाता है। इसमें आर्थिक लाभ के लिए पशुओं के आनुवंशिक गुणों और व्यवहार में सुधार पर भी जोर दिया जाता है।
पशुपालन का महत्त्व
- पशुधन क्षेत्रक ने 2021-22 में स्थिर मूल्यों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्रक के कुल सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 30.19% का योगदान दिया।
- इस क्षेत्रक में 8 करोड़ किसानों और भूमिहीन मजदूरों को आजीविका प्राप्त है। साथ ही, पशुपालन गतिविधि दूध, मांस, अंडे आदि का उत्पादन करके खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
पशुपालन के समक्ष चुनौतियां
- बढ़ती बीमारियां जैसे लम्पी स्किन डिजीज, फुट एंड माउथ डिजीज जैसे रोगों का संक्रमण बढ़ रहा है;
- देशी नस्लें कम दूध देती हैं;
- सभी मवेशियों का टीकाकरण नहीं किया जाता है, आदि।
पशुपालन क्षेत्रक को बढ़ावा देने हेतु शुरू की गई पहलें
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