सरकार ने इसरो को शुक्र मिशन "शुक्रयान" के लिए मंजूरी प्रदान की | Current Affairs | Vision IAS
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सरकार ने इसरो को शुक्र मिशन "शुक्रयान" के लिए मंजूरी प्रदान की

Posted 27 Nov 2024

11 min read

अंतरिक्ष विभाग का मिशन शुक्रयान या वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) शुक्र ग्रह की सतह व उपसतह, वायुमंडलीय प्रक्रियाओं तथा इसके वायुमंडल पर सूर्य के प्रभाव की बेहतर समझ प्रदान करेगा।

वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) के बारे में: 

  • लॉन्च: इसरो द्वारा यह मिशन 2028 में भेजा जाएगा।
  • VOM के मुख्य उद्देश्य:
    • शुक्र के वायुमंडल में मौजूद धूल की जांच करना; 
    • उसकी सतह की स्थलाकृति का मानचित्रण करना; 
    • शुक्र के निकट सौर एक्स-रे स्पेक्ट्रम का अध्ययन करना; और
    • शुक्र के वायुमंडल में मौजूद प्राकृतिक एयर-ग्लो का विश्लेषण करना।
  • VOM के जरिए प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन: उदाहरण के लिए, शुक्र के कठोर वातावरण में एयरोब्रेकिंग और ताप प्रबंधन तकनीकों का परीक्षण करना।
    • एयरोब्रेकिंग: यह अंतरिक्ष अभियानों में उपयोग की जाने वाली एक तकनीक है। इसमें किसी ग्रह के वायुमंडल का उपयोग करके किसी अंतरिक्ष यान को धीमा किया जाता है।
  • मिशन के साथ भेजे जाने वाले पेलोड्स: 
    • 16 भारतीय पेलोड्स; 
    • 2 भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी पेलोड्स (VISWAS/ विश्वास व RAVI/ रवि); तथा 
    • 1 अंतर्राष्ट्रीय पेलोड (VIRAL/ विरल)।

मिशन का महत्त्व:

  • वैज्ञानिक अन्वेषण: यह सौरमंडल की उत्पत्ति के साथ-साथ ग्रहीय वातावरण की गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है।
  • जलवायु परिवर्तन को समझना: शुक्र का वायुमंडल मुख्य रूप से CO2 से बना है। इसलिए, इसकी संरचना का अध्ययन ग्रीनहाउस प्रभाव और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों पर बेहतर जानकारी प्रदान कर सकता है।
  • अन्य: वायुमंडलीय संरचना, पृथ्वी के विकास आदि को समझना।

मिशन के समक्ष चुनौतियां:

  • अत्यधिक विषम परिस्थितियां: शुक्र ग्रह का उच्च तापमान और दाब अंतरिक्ष यान के घटकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • संक्षारक वातावरण: शुक्र ग्रह की सतह पर विद्यमान सल्फ्यूरिक एसिड के बादल संभावित रूप से स्टील और टाइटेनियम से बने घटकों को संक्षारित कर सकते हैं।
  • अन्य चुनौतियां: दुर्गम भू-भाग, सौर पैनल्स के लिए सूर्य के प्रकाश की कमी, तकनीकी चुनौतियां आदि।

अन्य महत्वपूर्ण शुक्र ग्रह मिशन

  • पहले भेजे गए मिशन: मेरिनर 2 (संयुक्त राज्य अमेरिका, 1962), वीनस एक्सप्रेस (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी), मैगलन (नासा), अकात्सुकी (जापान) आदि।
  • आगामी मिशन: वीनस लाइफ फाइंडर मिशन (रॉकेट लैब और MIT), दा-विंची और वेरिटास (नासा), एनविजन (ESA) आदि।
  • Tags :
  • शुक्रयान
  • वीनस ऑर्बिटर मिशन
  • VOM
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