इथेनॉल (C2H5OH) या एथिल अल्कोहल एक नवीकरणीय ईंधन है। इसे अलग-अलग पादप सामग्री से बनाया जाता है, जिन्हें सामूहिक रूप से "बायोमास" कहा जाता है। बायोमास के प्रमुख स्त्रोत- गन्ना, मक्का, गेहूं और उच्च स्टार्च सामग्री वाली अन्य फसलें।
- यह प्राकृतिक रूप से यीस्ट द्वारा शर्करा के किण्वन से बनता है या पेट्रोकेमिकल प्रक्रियाओं जैसे एथिलीन हाइड्रेशन से भी तैयार किया जा सकता है।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के बारे में
- शुरुआत: यह कार्यक्रम 2003 में पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
- लक्ष्य: राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (2018) को 2022 में संशोधित कर पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण की लक्ष्य तिथि को 2030 से घटाकर 2025-26 किया गया था।
- इस नीति के तहत गन्ने के रस, चुकंदर, कसावा और खराब अनाज, सड़े हुए आलू जैसी मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त सामग्री से इथेनॉल बनाने की अनुमति दी गई है।
- इसके अलावा, अधिशेष खाद्यान्नों का उपयोग भी इथेनॉल उत्पादन के लिए किया जा सकता है। इस अधिशेष उपज के लिए किसानों को उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- उपलब्धियां:
- इथेनॉल उत्पादन: 2014 के 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 2025 में 660 करोड़ लीटर से अधिक हो गया है।
- 1.36 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। किसानों को लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
- लगभग 700 लाख टन CO₂ उत्सर्जन में कमी आई है।
इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
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