केंद्र सरकार ने हैदराबाद में आयोजित “सतत एवं उत्तरदायी खनन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन” में एल्यूमीनियम और कॉपर विज़न डाक्यूमेंट्स जारी किए। यह सम्मेलन वर्ल्ड माइनिंग कांग्रेस की भारतीय राष्ट्रीय समिति ने आयोजित किया था।
एल्यूमीनियम और कॉपर विज़न डाक्यूमेंट्स के बारे में
- ये डाक्यूमेंट्स बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति प्रदान करेंगे। साथ ही, कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
- कॉपर (तांबा) विज़न डॉक्यूमेंट: वर्ष 2047 तक देश में तांबे की मांग में छह गुना वृद्धि का अनुमान है। साथ ही, 2030 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) अतिरिक्त कॉपर स्मेल्टिंग और रिफाइनिंग क्षमता जोड़ने की योजना है।
- एल्यूमीनियम विज़न डॉक्यूमेंट: इसमें वर्ष 2047 तक एल्युमिनियम उत्पादन को छह गुना बढ़ाने का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, बॉक्साइट उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 150 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया है।
तांबा और एल्यूमीनियम के उत्पादन क्षेत्र
एल्यूमीनियम/ बॉक्साइट
- भारत:
- भंडार: भारत में बॉक्साइट का सबसे अधिक 41% भंडार ओडिशा में है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में हैं।
- ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। ओडिशा में भारत का 73% बॉक्साइट उत्पादन होता है।
- भंडार: भारत में बॉक्साइट का सबसे अधिक 41% भंडार ओडिशा में है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में हैं।
- विश्व:
- चीन एल्यूमीनियम का सबसे बड़ा उत्पादक है। वहां विश्व का 58% एल्यूमीनियम उत्पादन होता है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और भारत का स्थान है।
तांबा
- भारत:
- भंडार: भारत में तांबे का सबसे अधिक 52.25% भंडार राजस्थान में है। इसके बाद मध्य प्रदेश और झारखंड का स्थान है।
- उत्पादन: वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य (देश का 57%) था। इसके बाद राजस्थान (43%) का स्थान था।
- विश्व:
- विश्व में चिली के पास तांबे का सबसे बड़ा भंडार (19%) है। इसके बाद पेरू और ऑस्ट्रेलिया (10%) का स्थान है।
तांबा और एल्यूमीनियम का रणनीतिक महत्त्व
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