इस पहल का उद्देश्य अगले 10 वर्षों में स्वास्थ्य कर (Health Tax) के माध्यम से तम्बाकू, शराब और शर्करा युक्त पेय पदार्थों की कीमतों में कम-से-कम 50% की वृद्धि करना है।
- इस पहल के माध्यम से अगले दशक में वैश्विक स्तर पर 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त सार्वजनिक राजस्व जुटाया जा सकता है।
- यह पहल विकासात्मक साझेदारों, नागरिक समाज, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारों के गठबंधन के समन्वित प्रयासों के साथ एक सहयोगी गठबंधन के रूप में कार्य करेगी।
स्वास्थ्य कर क्या है?
- यह कर लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले उत्पादों पर लगाया जाता है, जैसे तंबाकू, शराब आदि।
- WHO का मानना है कि मोटापे व अन्य संबंधित गैर-संचारी रोगों (NCDs) की समस्या से निपटने के लिए यह कर सबसे अधिक लागत प्रभावी साधन है।
स्वास्थ्य कर की आवश्यकता क्यों है?
- स्वास्थ्य प्रभाव: तम्बाकू, शराब और शर्करा युक्त पेय पदार्थों का सेवन NCDs महामारी को बढ़ावा देता है, जो वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों के 75% से अधिक के लिए जिम्मेदार है।
- आर्थिक प्रभाव: इन उत्पादों से समाज और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होते हैं। जैसे- इसमें नकारात्मक बाह्य प्रभाव (दूसरों को स्वास्थ्य संबंधी नुकसान होना) और आंतरिक प्रभाव (स्वयं के इलाज के लिए लंबे समय तक भारी खर्च करना) शामिल है।
- इससे 2012 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था।
- राजस्व सृजन: 50% कर से पांच वर्षों के भीतर वैश्विक स्तर पर 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर या प्रति वर्ष औसतन 740 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नया राजस्व जुटाया जा सकता है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 0.75% के बराबर है।
- समानता को बढ़ावा: NCDs से गरीब और निम्न आय वर्ग अधिक प्रभावित होते हैं।
भारत में अस्वास्थ्यकर उत्पादों के उपभोग पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदम
- भारत में एयरेटेड (वातित) पेय पदार्थों पर 28% GST और अतिरिक्त 12% क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।
- भारत में उच्च वसा एवं शर्करा व नमक (HFSS) युक्त खाद्य पदार्थों पर 12% GST दर से कर लगाया जाता है।
- FSSAI ने खाद्य उत्पादों में ट्रांस फैटी एसिड (TFA) की मात्रा को खाद्य पदार्थ में तेलों और वसा की कुल मात्रा के 2% तक रखने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में सफल वैश्विक केस स्टडीज
|