यह रिपोर्ट दर्शाती है कि आतंकवादी संगठन अब भी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करके अपने कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं और हमलों की योजना बना रहे हैं।
- आतंकवाद के वित्त-पोषण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक:
- अकेले सक्रिय आतंकवादी और न्यूनतम वित्त-पोषण की आवश्यकता वाले छोटे संगठन;
- अफ्रीका और दक्षिण एशिया में असुरक्षित एवं छिद्रिल सीमाएं;
- आतंकवाद को कुछ देशों द्वारा दिया जा रहा राज्य-स्तरीय समर्थन;
- मुक्त व्यापार क्षेत्र की कमजोर निगरानी व नियमों की कमी आदि।
आतंकवाद के वित्त-पोषण के माध्यम
- पारंपरिक तरीके: अल-शबाब और हमास जैसे समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले नकद आधारित लेन-देन, हवाला एवं अन्य अनौपचारिक तरीके, जिनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
- नई पद्धतियां:
- डिजिटल प्लेटफॉर्म:
- सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित करना;
- बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी का उपयोग करना;
- ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से फंड ट्रांसफर करना आदि।
- आपराधिक गतिविधियां: जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, मादक पदार्थों की तस्करी, और बोको हरम जैसे समूहों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों (जैसे- सोना, लकड़ी आदि) का अवैध व्यापार।
- गैर-लाभकारी और कानूनी संस्थाओं का दुरुपयोग:
- फ्रंट कंपनियों और शेल कंपनियों के जरिए धन छिपाना;
- गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) से फंड को डाइवर्ट कर आतंकी गतिविधियों में लगाना आदि।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म:
आतंकवाद के वित्त-पोषण (Counter-Terrorism Financing – CTF) को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें:
- जोखिम संकेतकों की पहचान करना: जैसे- बार-बार उच्च जोखिम वाले देशों को धन अंतरण, वर्चुअल असेट्स (VAs) और प्रीपेड कार्ड जैसे गुमनामी बढ़ाने वाले उपकरणों का उपयोग आदि की निगरानी करनी चाहिए।
- संगठित बहुपक्षीय प्रतिक्रिया: आतंकवाद के वित्त-पोषण की अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) प्रतिबंधों के तहत आतंकवादी संगठनों को बहुपक्षीय रूप से सूचीबद्ध करना चाहिए।
- FATF मानकों से बाहर के क्षेत्रों तक पहुंच: सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स से उत्पन्न खतरों को बेहतर ढंग से समझने तथा उनसे निपटने के लिए लक्षित सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPPs) विकसित करनी चाहिए।