TEPA पर मार्च 2024 में एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के रूप में हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते में 14 अध्याय शामिल हैं। यह समझौता वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच, उत्पत्ति के नियम (Rules of origin), व्यापार सुविधाओं, सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी उपाय, निवेश प्रोत्साहन, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) आदि पर केंद्रित है।
TEPA की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर
- प्रथम बाध्यकारी प्रतिबद्धता: यह पहला FTA है, जिसमें अगले 15 सालों में भारत में 100 बिलियन डॉलर (FDI) का निवेश और 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार देने की बाध्यकारी प्रतिबद्धता है।
- बदले में, भारत विविध उत्पादों (जैसे स्विस घड़ियाँ, चॉकलेट, कटे व पॉलिश किए गए हीरे आदि) पर बहुत कम या शून्य सीमा शुल्क (ड्यूटी) लगाएगा।
- बाज़ार तक पहुंच: EFTA के बाजारों में भारत के 100% गैर-कृषि उत्पादों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (PAPs) पर प्रशुल्क में रियायत दी जाएगी।
- डेयरी, सोया, कोयला और कुछ संवेदनशील कृषि उत्पादों को इस सूची से बाहर रखा गया है।
- प्रशुल्क में कमी: EFTA भारत के 99.6% निर्यात पर आयात शुल्क को खत्म करेगा या कम करेगा। भारत EFTA देशों से आने वाले 95.3% निर्यात पर आयात शुल्क खत्म करेगा या कम करेगा।
- अन्य: बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) से जुड़ी प्रतिबद्धताएं, पेशेवर सेवाओं (जैसे नर्सिंग) में आपसी मान्यता समझौते आदि।
भारत–EFTA व्यापार संबंध:
- 2024–25 में, भारत और EFTA के बीच कुल 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था, जिसमें भारत का व्यापार घाटा बहुत अधिक था।
- इस घाटे का बड़ा हिस्सा स्विट्जरलैंड से सोने के आयात की वजह से है।
- EFTA देशों में, स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, उसके बाद नॉर्वे का स्थान आता है।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बारे में
|