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संक्षिप्त समाचार

01 Jun 2025
23 min

यह रिपोर्ट जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत में लैंगिक स्थिति का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र

  • जन्म के समय लिंगानुपात: 2014-16 और 2018-20 के बीच, शहरी क्षेत्रों में लिंगानुपात (910) ग्रामीण क्षेत्रों (907) से अधिक हो गया था। यह शहरी क्षेत्रों की ओर महिला प्रवासन में वृद्धि को दर्शाता है। 
  • स्वास्थ्य: मातृ मृत्यु दर (MMR) 2015-17 में 122 से घटकर 2018-20 में 97 हो गई थी।
  • शिक्षा: 2017 में पुरुष साक्षरता दर 84.7% और महिला साक्षरता दर 70.3% थी। केरल में सबसे कम लैंगिक साक्षरता अंतराल है, जबकि राजस्थान में सबसे अधिक है। 
  • आर्थिक भागीदारी: महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR ) 2017-18 की 23.3% से बढ़कर 2023-24 में 41.7% हो गई।
    • वित्तीय समावेशन: सभी बैंक खातों में 39.2% महिलाओं के बैंक खाते हैं और वे कुल जमा में 39.7% का योगदान देती हैं।
    • लीडरशिप की भूमिकाएं: वित्त वर्ष 2025 में महिलाओं की निदेशक मंडल में 28.7% हिस्सेदारी हो गई है, जो वित्त वर्ष 2020 में 26.7% थी।
  • राजनीतिक भागीदारी: महिला मतदान पिछले कुछ वर्षों में अलग-अलग रहा है। 2019 में यह 67.2% था, लेकिन 2024 में कुछ कम होकर 65.8% हो गया।
  • महिलाओं के खिलाफ हिंसा: भारत में 18-49 आयु वर्ग की लगभग एक-तिहाई (31.9%) विवाहित महिलाएं वैवाहिक हिंसा से पीड़ित होती हैं। कर्नाटक (48.4%), बिहार (42.5%) और मणिपुर (41.6%) में वैवाहिक हिंसा के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल ‘AI किरण’ की शुरुआत की।

AI किरण के बारे में

  • उद्देश्य: महिलाओं को इनोवेटर, चेंजमेकर और लीडर के रूप में उभरने में सहायता प्रदान करने हेतु एक जीवंत AI समुदाय को बढ़ावा देना।
  • नेतृत्व: भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) का कार्यालय।
  • फोकस क्षेत्र: यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा जैसे अहम क्षेत्रों में AI में प्रगति को आगे बढ़ाने वाली 250 से अधिक महिलाओं के योगदान को उजागर करने पर केंद्रित है।

किरण योजना के बारे में

  • KIRAN/ किरण (नॉलेज इन्वॉल्वमेंट इन रिसर्च एडवांसमेंट थ्रू नर्चरिंग) योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा शुरू की गई थी

उद्देश्य: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं का समर्थन एवं सशक्तीकरण करके लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।

IMF ने "वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO): ए क्रिटिकल जंक्चर अमंग पॉलिसी शिफ्ट" रिपोर्ट जारी की।

  • इस रिपोर्ट में व्यापार के संबंध में तनाव और नीतिगत अनिश्चितता की स्थिति के चलते वैश्विक संवृद्धि दर पूर्वानुमान को जनवरी 2025 के अपडेट से घटाकर 2.8% कर दिया गया है। इसे भारत के लिए 6.2% अनुमानित किया गया है। 
  • साथ ही, श्रम बल में वृद्ध हो रहे लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए स्वस्थ एजिंग (आयुर्वृद्धि) सुनिश्चित करने के पक्ष में नीतियां बनाने की सिफारिश भी की गई है।

इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र 

  • दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाओं में तीव्र वृद्धि: घटती जन्म दर और बढ़ती जीवन प्रत्याशा के कारण देश अपने जनसांख्यिकीय के महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहे हैं। इसके तहत डेमोग्राफिक डिविडेंड से डेमोग्राफिक ड्रैग की ओर संक्रमण हो रहा है।
  • दुनिया की जनसंख्या की औसत आयु 2020 से लेकर इस सदी के अंत तक 11 साल बढ़ने का अनुमान है।
  • स्वस्थ एजिंग: दीर्घायु में वृद्धि के साथ-साथ, वृद्ध हो रहे लोगों की कार्यात्मक क्षमता में भी समय के साथ सुधार हुआ है।
    • वर्ष 2022 में 70 साल के व्यक्ति की संज्ञानात्मक क्षमता वर्ष 2000 में 53 साल के व्यक्ति के समान थी।

स्वस्थ एजिंग के लाभ

  • वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि: स्वस्थ एजिंग से 2025-50 तक वैश्विक औसत सकल घरेलू उत्पाद में 0.4% की वृद्धि होने का अनुमान है।
    • इसमें भारत का योगदान सबसे अधिक होगा, क्योंकि 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के श्रमिकों की हिस्सेदारी 2025-50 की अवधि में तेजी से बढ़ेगी।
  • श्रम बल भागीदारी पर प्रभाव: लक्षित स्वास्थ्य नीतियां वृद्ध श्रमिकों को अपनी श्रम बल भागीदारी दर बढ़ाने में सक्षम बनाती हैं।

स्वस्थ एजिंग सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत सिफारिशें

  • समग्र दृष्टिकोण: सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के लिए पेंशन संबंधी सुधार, प्रशिक्षण, कार्यस्थल को अनुकूल बनाना और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने वाले हस्तक्षेपों को लागू किया जाना चाहिए। 
  • श्रम बल भागीदारी अंतराल को कम करना: जनसांख्यिकीय संबंधी बाधाओं से निपटने के लिए बेहतर कार्य-जीवन संतुलन, किफायती बाल देखभाल सुविधा आदि के माध्यम से श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
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