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कम वैल्यू के BHIM-UPI ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना (Incentive Scheme for Promotion of Low-Value Bhim-UPI Transactions)

02 May 2025
15 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कम वैल्यू वाले पर्सन-टू मर्चेंट (P2M) BHIM-UPI ट्रांजैक्शन यानी लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। 

योजना के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र

  • कवरेज: यह योजना P2M UPI ट्रांजैक्शन पर लागू होगी। इसे 2024-25 के लिए 1,500 करोड़ रुपये की लागत से लागू किया जाएगा।
  • प्रोत्साहन: इसके तहत छोटे व्यापारियों के 2,000 रुपये तक के UPI ट्रांजैक्शन पर प्रति ट्रांजैक्शन 0.15% की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
    • यह प्रोत्साहन राशि एक्वायरिंग बैंक (जिसमें व्यापारी का अकाउंट है) को दी जाएगी, जो इसे इश्यूर बैंक (जिसमें ग्राहक का अकाउंट है), पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर बैंक, और ऐप प्रोवाइडर के साथ साझा करेगा।
  • लक्ष्य: यह योजना डिजिटल डिवाइस के विस्तार का उपयोग करके अधिक लोगों को ऋण दिलाने में मदद करेगी, छोटे व्यापारियों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के UPI सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगी, और कम-नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी।
  • उद्देश्य: 
    • स्वदेशी BHIM-UPI प्लेटफ़ॉर्म को बढ़ावा देना।
    • वित्त वर्ष 2024-25 में BHIM-UPI के जरिए 20,000 करोड़ रुपये के कुल ट्रांजैक्शन का लक्ष्य हासिल करना।
    • UPI को टियर 3 से टियर 6 शहरों तक, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पहुँचाना। इसके लिए फीचर फोन आधारित (UPI 123PAY) और ऑफ़लाइन (UPI लाइट/ UPI लाइटएक्स) पेमेंट विकल्प को बढ़ावा दिया जाएगा।

भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM) के बारे में

  • BHIM: यह यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI)-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन है। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है।
    • UPI एक ऐसी प्रणाली है, जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (जो किसी भी बैंक/ ऐप प्रोवाइडर का हो सकता है) कई बैंक खातों को संचालित करने की सुविधा प्रदान करती है।
  • उद्देश्य: इसे 2016 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में कैशलेस भुगतान और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।

BHIM की मुख्य विशेषताएं

  • आसान और त्वरित ट्रांजैक्शन: यह यूजर्स को मोबाइल नंबर, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) या QR कोड का उपयोग करके तेजी से ट्रांजैक्शन को संभव बनाता है।
  • UPI-आधारित भुगतान: यह कई बैंकों से ट्रांजैक्शन करना संभव बनाता है, जिसमें IFSC कोड या अकाउंट्स विवरण की जरूरत नहीं पड़ती।
  • बहु-स्तरीय सत्यापन की वजह से सुरक्षित: यह UPI पिन और SMS के ज़रिए डिवाइस को सुरक्षित रूप से लिंक करके ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाता है।
  • कई प्रकार के भुगतान विकल्प उपलब्ध: इसमें यूजर UPI ID, आधार नंबर, बैंक खाता संख्या + IFSC और मोबाइल नंबर के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के बारे में

  • NPCI भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिए एक अम्ब्रेला संगठन है।
  • NPCI, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय बैंक संघ (IBA) की एक पहल है। इसकी स्थापना भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत की गई है।
  • इसे "नॉट फॉर प्रॉफिट" कंपनी के रूप में कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत किया गया है।
  • इसका उद्देश्य संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक, दोनों प्रकार के भुगतान और निपटान के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराना है।
  • NPCI ने रुपे कार्डतत्काल भुगतान सेवा (Immediate Payment Service: IMPS) जैसी पेमेंट सेवाओं की शुरुआत की है।
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