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संसदीय स्थायी समिति ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) पर रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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संसदीय स्थायी समिति ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) पर रिपोर्ट जारी की

Posted 25 Jul 2025

Updated 26 Jul 2025

8 min read

यह रिपोर्ट शहरी विकास व क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के संदर्भ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की भूमिका और रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की प्रासंगिकता की जांच करती है।

RRTS क्या है?

  • RRTS रेल-आधारित तथा सेमी-हाई-स्पीड और हाई-फ्रीक्वेंसी वाली एक नई कम्यूटर ट्रांजिट प्रणाली है। इसका उद्देश्य शहरों को उनके आस-पास के उपनगरीय और क्षेत्रीय शहरी समूहों से जोड़ना है।

भारत में RRTS की आवश्यकता क्यों है?

  • शहरी भीड़ कम करना: 2030 तक भारत की 40% से ज़्यादा आबादी शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगी।
  • यात्रा का समय घटाना और श्रम उत्पादकता बढ़ाना: शहरों और उपनगरों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को अक्सर लंबा एवं अनिश्चित यात्रा समय लगता है।
  • समान क्षेत्रीय विकास: उपनगरीय और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को शहरी केंद्रों से जोड़कर संतुलित विकास करना।
  • सरकारी पहलों का समर्थन: यह स्मार्ट सिटीज़ मिशन, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी सरकारी पहलों का भी समर्थन करता है।

RRTS के विस्तार हेतु समिति की सिफारिशें 

  • एकीकृत मेट्रोपॉलिटन परिवहन प्राधिकरण (UMTA) की स्थापना: मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार, राज्य सरकारों को समन्वित योजना के लिए UMTA की स्थापना करनी चाहिए।
  • क्षेत्रीय संदर्भ में बड़े शहरों की योजना: शहर की मेट्रो प्रणाली को RRTS के साथ सुचारू रूप से जोड़ने के लिए बड़े मेट्रो शहरों की योजना क्षेत्रीय संदर्भ में बनाई जानी चाहिए।
  • बहु-आयामी एकीकरण: हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशंस, बस अड्डों आदि के साथ RRTS का बहु-आयामी एकीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • Tags :
  • संसदीय स्थायी समिति
  • रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS)
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC)
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