यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि "इंडिया आउट" कैंपेन के बाद प्रधान मंत्री की यह पहली मालदीव यात्रा है। ध्यातव्य है कि इंडिया आउट कैंपेन के चलते दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था।
यात्रा के प्रमुख परिणामों पर एक नजर:

- समझौतों पर हस्ताक्षर:
- मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट की सुविधा दी गई।
- भारत सरकार से लिए गए ऋणों के वार्षिक भुगतान को कम करने के लिए एक समझौता किया गया।
- मालदीव में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) शुरू करने का समझौता किया गया।
- प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए विचारार्थ विषयों पर चर्चा की गई।
- समझौता ज्ञापनों (MoUs) का आदान-प्रदान: मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि; मौसम विज्ञान; डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना; UPI; भारतीय फार्माकोपिया आदि क्षेत्रकों के संबंध में 6 समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।
- उद्घाटन/ हस्तांतरण:
- आवास और अवसंरचना: भारत की बायर्स क्रेडिट सुविधा के तहत हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयों और अद्दू शहर में सड़क एवं जल निकासी प्रणाली परियोजना का उद्घाटन किया गया।
- स्वास्थ्य: दो 'आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब (भीष्म/ BHISHM)' सेट्स सौंपे गए।
भारत के लिए मालदीव का महत्त्व
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