Select Your Preferred Language

Please choose your language to continue.

भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधान मंत्री ने मालदीव की यात्रा की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधान मंत्री ने मालदीव की यात्रा की

Posted 25 Jul 2025

Updated 26 Jul 2025

11 min read

यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि "इंडिया आउट" कैंपेन के बाद प्रधान मंत्री की यह पहली मालदीव यात्रा है। ध्यातव्य है कि इंडिया आउट कैंपेन के चलते दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था।

यात्रा के प्रमुख परिणामों पर एक नजर:

  • समझौतों पर हस्ताक्षर:
    • मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट की सुविधा दी गई।
  • भारत सरकार से लिए गए ऋणों के वार्षिक भुगतान को कम करने के लिए एक समझौता किया गया।
  • मालदीव में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) शुरू करने का समझौता किया गया।
  • प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए विचारार्थ विषयों पर चर्चा की गई।
  • समझौता ज्ञापनों (MoUs) का आदान-प्रदान: मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि; मौसम विज्ञान; डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना; UPI; भारतीय फार्माकोपिया आदि क्षेत्रकों के संबंध में 6 समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।
  • उद्घाटन/ हस्तांतरण:
    • आवास और अवसंरचना: भारत की बायर्स क्रेडिट सुविधा के तहत हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयों और अद्दू शहर में सड़क एवं जल निकासी प्रणाली परियोजना का उद्घाटन किया गया।
    • स्वास्थ्य: दो 'आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब (भीष्म/ BHISHM)' सेट्स सौंपे गए।

भारत के लिए मालदीव का महत्त्व

  • भू-राजनीतिक: यह भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और महासागर/ MAHASAGAR विज़न का एक अहम हिस्सा है।
  • सामरिक: मालदीव की भौगोलिक स्थिति उसे एक तरह से ‘टोल गेट’ बनाती है। यह पश्चिमी हिंद महासागर के चोकपॉइंट्स (जैसे अदन की खाड़ी और होर्मुज़ की खाड़ी) तथा पूर्वी हिंद महासागर के चोकपॉइंट (मलक्का जलडमरूमध्य) के बीच स्थित है।
  • भू-अर्थशास्त्र: यह प्रमुख वाणिज्यिक समुद्री संचार मार्गों (SLOCs) के निकट अवस्थित है।
    • भारत का 50% से अधिक विदेशी व्यापार और 80% ऊर्जा आयात इन्हीं समुद्री मार्गों से होकर गुजरता हैं।
  • सुरक्षा एवं आतंकवाद, समुद्री डकैती आदि से निपटना: उदाहरण के लिए- मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षी 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीति को निष्प्रभावी करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव का प्रमुख भागीदार भी है।
  • Tags :
  • महासागर
  • भारत-मालदीव
  • BHISHM
Watch News Today
Subscribe for Premium Features