भारत में सोने की तस्करी (SMUGGLING OF GOLD IN INDIA)

हाल ही में, एक अभिनेत्री को सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- सोने की तस्करी मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है और इससे संगठित अपराध सिंडिकेट मजबूत होते हैं। साथ ही, इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है।
- भारत अवैध सोने के आयात का एक प्रमुख गंतव्य बन गया है। यहां सोना और चांदी मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों से आते हैं, जहां ये धातुएं कम करों के कारण कम कीमतों पर उपलब्ध हैं।
- यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में आने वाले कुल सोने की मात्रा का एक-चौथाई हिस्सा अवैध व्यापार के माध्यम से आता है।
- राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) भारत सरकार का सर्वोच्च तस्करी-रोधी निकाय है।
भारत में सोने की तस्करी पर रोक लगाने वाले कानून
- सीमा शुल्क अधिनियम, 1962: यह उचित घोषणा और लागू शुल्कों के भुगतान के बिना सोने के अवैध आयात पर प्रतिबंध लगाता है। साथ ही, यह अधिनियम अपराधियों का माल जब्त करने, जुर्माना लगाने और कारावास सहित दंड का प्रावधान करता है।
- सामान नियम (बैगेज रूल्स), 2016: सोने पर सीमा शुल्क 3-10% के बीच होता है, जो सोने के वजन तथा सोने को पुरुष या महिला द्वारा ले जाए जाने पर निर्भर करता है।
- भारतीय न्याय संहिता, 2023: तस्करी संगठित अपराध के तहत दंडनीय है। इसके तहत "अवैध वस्तुओं की तस्करी" के लिए कम से कम पांच वर्ष के कारावास की सजा दी जाती है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।
- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA): इसमें तस्करी को “आतंकवादी कृत्य” के रूप में माना जाता है, अगर इससे “भारत की मौद्रिक स्थिरता को नुकसान” पहुंचता है।
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C-DOT का त्रिनेत्र (C-Dot Trinetra)
केरल ने डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केरल पुलिस हेतु 'एडवांस्ड साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर' (SOC) लॉन्च किया है।
- यह सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) के 'त्रिनेत्र' (TRINETRA) प्लेटफॉर्म पर आधारित है।
- C-DOT संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) का एक स्वायत्त दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।
C-DOT के त्रिनेत्र के बारे में
- यह AI-आधारित, स्वदेशी और एकीकृत साइबर सुरक्षा प्लेटफॉर्म है। इसे उद्यमों और महत्वपूर्ण क्षेत्रकों की साइबर सुरक्षा करने के लिए विकसित किया गया है।
- यह एंडपॉइंट्स, नेटवर्क ट्रैफिक और यूजर बिहेवियर की निगरानी करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह सुभेद्यताओं की पहचान करने, विसंगतियों का पता लगाने और साइबर खतरों को कम करने में भी सहायक है।
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गांडीव मिसाइल (MISSILE ‘GANDIVA’)
DRDO ने अपनी हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक को आधिकारिक तौर पर "गांडीव" नाम दिया।
गांडीव/ अस्त्र MK-3 की मुख्य विशेषताएं
- यह अस्त्र श्रृंखला में अगली मिसाइल है। यह मिसाइल अपने पूर्ववर्ती संस्करणों अस्त्र MK-1 और अस्त्र MK-2 की सफलता पर आधारित है।
- प्रणोदन प्रणाली: इसके संचालन में अत्याधुनिक तकनीक ‘सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट प्रणोदन प्रणाली’ का उपयोग किया गया है। यह प्रणाली वायुमंडलीय ऑक्सीजन को ऑक्सीडाइज़र के रूप में इस्तेमाल करने में सक्षम है।
- गति: यह 300-350 किलोमीटर की विस्तारित रेंज में मैक 4.5 तक की सुपरसोनिक गति पर रहते हुए यात्रा कर सकती है।
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अश्विनी (ASHWINI)
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए लो लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार (LLTR) ‘अश्विनी’ की खरीद हेतु भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ पूंजी अधिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
अश्विनी के बारे में
- यह एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड फेज़्ड ऐरे रडार है, जो अत्याधुनिक सॉलिड स्टेट तकनीक पर आधारित है।
- इसे DRDO के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं रडार विकास प्रतिष्ठान ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है।
- मुख्य विशेषताएं:
- यह तेज गति से उड़ने वाले लड़ाकू विमानों से लेकर धीमी गति से चलने वाले ड्रोन्स और हेलीकॉप्टर्स जैसे हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है।
- यह रडार 200 किमी तक के क्षेत्र में लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है।
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सोनिक वेपन (SONIC WEAPON)
सर्बिया ने बेलग्रेड में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए प्रतिबंधित 'सोनिक वेपन' के इस्तेमाल से इनकार किया।
सोनिक वेपन के बारे में
- इन्हें एकॉस्टिक वेपन भी कहा जाता है। ये उपकरण लंबी दूरी तक बहुत तेज ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
- इनका उपयोग ध्वनि संदेश/ अन्य ध्वनियां पहुंचाने के लिए ध्वनि प्रवर्धक (Amplifier) की तरह भी किया जा सकता है।
- कार्य: इसमें आमतौर पर सैकड़ों आधुनिक ट्रांसड्यूसर्स होते हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं।ट्रांसड्यूसर्स ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदलकर अत्यधिक केंद्रित और प्रवर्धित ध्वनि उत्पन्न करते हैं। फिर इन साउंड बीम्स को संकेंद्रित करके विशिष्ट लक्षित क्षेत्रों पर इनका इस्तेमाल किया जाता है।
- प्रभाव: टिनिटस (बिना किसी बाहरी स्रोत के कानों में गूंजने, भिनभिनाने या अन्य ध्वनियों का अनुभव होना); सुनने की क्षमता में कमी आदि।
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गोल्डन डोम (GOLDEN DOME)
संयुक्त राज्य अमेरिका ने गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली के निर्माण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
गोल्डन डोम के बारे में
- यह संयुक्त राज्य अमेरिका का एक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों तथा अन्य उन्नत हवाई हमलों के खतरों से अमेरिका की रक्षा करना है।
- इसका निर्माण इजरायल की 'आयरन डोम' मिसाइल रक्षा प्रणाली से प्रभावित होकर किया जा रहा है।
- आयरन डोम एक बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इस प्रणाली का विकास कम दूरी के खतरों से बचने के लिए किया गया है।
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अंतर्राष्ट्रीय शस्त्र हस्तांतरण के रुझान, 2024 (Trends in International Arms Transfers, 2024)
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने 2020 से 2024 के बीच वैश्विक हथियार हस्तांतरण में महत्वपूर्ण बदलावों को दर्शाने वाले नए आंकड़े जारी किए।
- SIPRI एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है। यह संघर्ष, शस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर अनुसंधान करता है।
मुख्य आंकड़ों पर एक नज़र
- भारत:
- भारत अब यूक्रेन के बाद दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है।
- घरेलू स्तर पर उत्पादन में वृद्धि के कारण 2015-19 और 2020-24 के बीच हथियारों के आयात में 9.3% की गिरावट दर्ज की गई है।
- रूस अभी भी भारत के लिए एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। यद्यपि भारत फ्रांस, इजरायल और अमेरिका से हथियार खरीद कर हथियार के आयात में विविधता बनाए हुए है।
- वर्ष 2020-24 के दौरान यूक्रेन का हथियार आयात लगभग 100 गुना बढ़ गया है। इससे वह दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका की वैश्विक स्तर पर हथियार निर्यात में हिस्सेदारी बढ़कर 43% हो गई है।
- रूस द्वारा हथियार निर्यात में 64% की गिरावट आई है। इससे वह फ्रांस के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है।
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- SIPRI
- स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान