सुर्ख़ियों में क्यों?
केंद्र सरकार ने शेरों के संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 'प्रोजेक्ट लायन' के लिए वित्त-पोषण को मंजूरी दे दी है।
अन्य संबंधित तथ्य
- सरकार ने गुजरात के जूनागढ़ जिले में नेशनल रेफरल सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ (NRC-W) की स्थापना को भी मंजूरी दी है।
- NRC-W का उद्देश्य वन्यजीवों में बीमारियों की निगरानी करना है, खासकर उन बीमारियों की पहचान करना जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती हैं।
- उदाहरण के लिए, 2020 में बेबेसियोसिस के प्रकोप से गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में 23 शेरों की मृत्यु हो गई थी। बेबेसियोसिस शेरों की लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
- नोडल एजेंसी: केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण
- NRC-W का उद्देश्य वन्यजीवों में बीमारियों की निगरानी करना है, खासकर उन बीमारियों की पहचान करना जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती हैं।
IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ़ स्पीशीजयह प्रजातियों की पुनर्प्राप्ति या पुनर्बहाली को मापने और संरक्षण के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक वैश्विक मानक प्रदान करता है।
नोट: IUCN 'ग्रीन लिस्ट ऑफ प्रोटेक्टेड एंड कन्सर्व्ड एरिया' भी जारी करता है। |
- इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने शेर के लिए ग्रीन स्टेटस ऑफ स्पीशीज के तहत पहला ग्रीन स्टेटस असेसमेंट भी जारी किया है (बॉक्स देखें)।
- IUCN ने शेरों को "बहुत अधिक गिरावट (Largely Depleted)" श्रेणी में रखा है।
- आकलन से यह भी पता चला कि मानवीय गतिविधियों का प्रभाव शेर को उसके सम्पूर्ण प्राकृतिक पर्यावास में पारिस्थितिक रूप से पूरी भूमिका निभाने में बाधा डालता है।
- इसके अलावा, आकलन में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि शेर उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया से विलुप्त हो चुके हैं।
प्रोजेक्ट लायन (2020) के बारे में
- उद्देश्य: व्यापक, दीर्घकालिक संरक्षण संबंधी प्रयासों के माध्यम से एशियाई शेरों के भविष्य को सुरक्षित करना।
- फोकस के मुख्य क्षेत्र:
- परिदृश्य पारिस्थितिकी-आधारित संरक्षण, शेरों के लिए संधारणीय पर्यावास सुनिश्चित करना।
- शेरों के पर्यावास का पुनरुद्धार और शेरों के लिए अतिरिक्त क्षेत्रों को सुरक्षित करना।
- सामुदायिक भागीदारी, स्थानीय निवासियों के लिए आजीविका के अवसर उत्पन्न करना।
- रोग प्रबंधन, भारत को बड़े विडाल वंशियों (Big Cat) के स्वास्थ्य अनुसंधान और उपचार के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना।
- समय अवधि: 10 वर्ष
- कार्यान्वयन: गुजरात सरकार और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण जैसे अन्य हितधारकों द्वारा।
एशियाई शेर (भारतीय शेर) के बारे में
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कई अन्य पहलों ने एशियाई शेरों के संरक्षण को और मजबूत किया है:
- इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA): इसे 2023 में लॉन्च किया गया। IBCA शेरों सहित बड़े विडाल वंशियों के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
- एशियाई शेर संरक्षण परियोजना: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है।
- ग्रेटर गिर कांसेप्ट: इसमें पारंपरिक गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य से परे भी शेरों के लिए अतिरिक्त उपयुक्त पर्यावास को विकसित करना शामिल है।
- संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क का विस्तार करने के लिए गिरनार, पनिया और मिटियाला जैसे अभयारण्यों को अधिसूचित किया गया है।
- संरक्षण तंत्र को मजबूत किया गया: ग्रेटर गिर रीज़न (GGR) के लिए एक टास्क फोर्स और राज्य स्तर पर वन्यजीव अपराध प्रकोष्ठ की स्थापना की गयी है।
- अन्य
- वन्यजीव पर्यावास विकास नामक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS-DWH) के अंतर्गत समर्थन प्रदान किया जा रहा है।
- पर्यावास में सुधार हेतु उपाय (जैसे- अतिरिक्त जल स्रोतों की स्थापना और रखरखाव करना)।
- विश्व शेर दिवस (10 अगस्त) मनाना।
निष्कर्ष
पर्यावास संरक्षण, उन्नत निगरानी और संघर्ष शमन के माध्यम से एशियाई शेरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में प्रोजेक्ट लायन एक महत्वपूर्ण कदम है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान और पालपुर-कुनो वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश), आदि को गिर भू-क्षेत्र से परे शेरों के लिए अन्य संभावित वैकल्पिक पर्यावास के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
गिर भू-क्षेत्र (Gir landscape) के बारे में
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