प्रोजेक्ट लायन और IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ़ स्पीशीज (PROJECT LION AND IUCN GREEN STATUS OF SPECIES) | Current Affairs | Vision IAS
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प्रोजेक्ट लायन और IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ़ स्पीशीज (PROJECT LION AND IUCN GREEN STATUS OF SPECIES)

Posted 02 May 2025

Updated 07 May 2025

35 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

केंद्र सरकार ने शेरों के संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 'प्रोजेक्ट लायन' के लिए वित्त-पोषण को मंजूरी दे दी है।

अन्य संबंधित तथ्य

  • सरकार ने गुजरात के जूनागढ़ जिले में नेशनल रेफरल सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ (NRC-W) की स्थापना को भी मंजूरी दी है।
    • NRC-W का उद्देश्य वन्यजीवों में बीमारियों की निगरानी करना है, खासकर उन बीमारियों की पहचान करना जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती हैं।
      • उदाहरण के लिए, 2020 में बेबेसियोसिस के प्रकोप से गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में 23 शेरों की मृत्यु हो गई थी। बेबेसियोसिस शेरों की लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। 
    • नोडल एजेंसी: केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण

IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ़ स्पीशीज

यह प्रजातियों की पुनर्प्राप्ति या पुनर्बहाली को मापने और संरक्षण के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक वैश्विक मानक प्रदान करता है।

  • मुख्य विशेषताएं:
    • कवरेज: यह सूक्ष्मजीवों को छोड़कर सभी प्रजाति को कवर करती है।
    • ग्रीन स्टेटस की आठ श्रेणियां: वन में विलुप्त (Extinct in the Wild), गंभीर स्तर तक गिरावट (Critically Depleted), बहुत अधिक गिरावट (Largely Depleted), मध्यम गिरावट (Moderately Depleted), कम गिरावट (Slightly Depleted), पूर्णतः पुनर्प्राप्ति (Fully Recovered), कोई गिरावट नहीं (Non-Depleted), और अनिश्चित स्थिति (Indeterminate)। 
    • रेड लिस्ट का पूरक: रेड लिस्ट प्रजाति के विलुप्त होने के जोखिम पर ध्यान केंद्रित करती है। ग्रीन स्टेटस इस बात पर जानकारी प्रदान करता है कि प्रजातियों को कैसे पुनर्प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही, इसके लिए संरक्षण संबंधी कौन से उपाय करना आवश्यक है।
      • अब IUCN रेड लिस्ट में 100 से अधिक IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ़ स्पीशीज़ असेसमेंट शामिल हैं।
    • ग्रीन स्टेटस ऑफ स्पीशीज असेसमेंट, रेड लिस्ट असेसमेंट का वैकल्पिक हिस्सा है।
  • ग्रीन स्टेटस किस प्रकार प्रजातियों की पुनर्प्राप्ति को निर्धारित करता है?
    • कोई प्रजाति पूर्णतः पुनर्प्राप्त हो जाती है यदि:
      • वह अपने ऐतिहासिक पर्यावास के सभी भागों में मौजूद है (मानव प्रभाव के कारण नष्ट हुए क्षेत्रों सहित);
      • वह अपने पूरे पर्यावास में व्यवहार्य आबादी में मौजूद है (विलुप्त होने का खतरा नहीं है);
      • वह अपने पर्यावास के सभी भागों में पारिस्थितिकी कार्य को संपन्न करती है; आदि।

नोट: IUCN 'ग्रीन लिस्ट ऑफ प्रोटेक्टेड एंड कन्सर्व्ड एरिया' भी जारी करता है।

  • इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने शेर के लिए ग्रीन स्टेटस ऑफ स्पीशीज के तहत पहला ग्रीन स्टेटस असेसमेंट भी जारी किया है (बॉक्स देखें)।
    • IUCN ने शेरों को "बहुत अधिक गिरावट (Largely Depleted)" श्रेणी में रखा है।
    • आकलन से यह भी पता चला कि मानवीय गतिविधियों का प्रभाव शेर को उसके सम्पूर्ण प्राकृतिक पर्यावास में पारिस्थितिक रूप से पूरी भूमिका निभाने में बाधा डालता है।
    • इसके अलावा, आकलन में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि शेर उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया से विलुप्त हो चुके हैं।

 

प्रोजेक्ट लायन (2020) के बारे में

  • उद्देश्य: व्यापक, दीर्घकालिक संरक्षण संबंधी प्रयासों के माध्यम से एशियाई शेरों के भविष्य को सुरक्षित करना।
  • फोकस के मुख्य क्षेत्र:
    • परिदृश्य पारिस्थितिकी-आधारित संरक्षण, शेरों के लिए संधारणीय पर्यावास सुनिश्चित करना।
    • शेरों के पर्यावास का पुनरुद्धार और शेरों के लिए अतिरिक्त क्षेत्रों को सुरक्षित करना।
    • सामुदायिक भागीदारी, स्थानीय निवासियों के लिए आजीविका के अवसर उत्पन्न करना।
    • रोग प्रबंधन, भारत को बड़े विडाल वंशियों (Big Cat) के स्वास्थ्य अनुसंधान और उपचार के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना।
  • समय अवधि: 10 वर्ष
  • कार्यान्वयन: गुजरात सरकार और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण जैसे अन्य हितधारकों द्वारा।

एशियाई शेर (भारतीय शेर) के बारे में

  • पर्यावास: घास के मैदान, सवाना, घनी झाड़ियाँ और खुले वन।
  • वितरण: वर्तमान में गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य (गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में गिर भू-क्षेत्र) एशियाई शेरों का एकमात्र पर्यावास है।
    • शेर कभी ईरान से लेकर पूर्वी भारत के पलामू तक पाए जाते थे।
    • बरदा वन्यजीव अभयारण्य शेरों के लिए "दूसरे पर्यावास" के रूप में उभरा है।
  • मुख्य विशेषताएं:
    • वयस्क नर शेर मादाओं की तुलना में काफी बड़े होते हैं।
    • इनका जीवनकाल लगभग 16-18 वर्ष होता है।
    • शेर बड़े समूहों में रहते हैं, जिन्हें प्राइड्स कहा जाता है।
    • शेर प्रायः रात में ही शिकार करते हैं और इनकी गर्भधारण अवधि लगभग 100 से 119 दिनों तक रहती है।
    • नर शेर नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में गश्त लगाते हैं।
  • पारिस्थितिक भूमिका:
    • शेर शीर्ष शिकारी/ कीस्टोन प्रजाति होते है। वे शाकाहारी जानवरों की आबादी को नियंत्रित करके वनों और घास भूमियों की संतुलित स्थिति और पुनर्बहाली को सुनिश्चित करते हैं।
    • इसके अलावा, शेर सबसे कमजोर शिकार को निशाना बनाते हैं, जिससे शिकार आबादी के भीतर बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है।
  • आबादी की स्थिति: 2020 में 674 (2015 में 523 थी)
  • एशियाई शेरों की संरक्षण स्थिति:
    • IUCN स्थिति: वल्नरेबल 
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची I और IV में शामिल
    • CITES: परिशिष्ट I में सूचीबद्ध
    • प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम में शामिल।
  • शेरों की उप-प्रजातियां:
    • नॉर्दन लायन  (Panthera leo leo): इस उप-प्रजाति की आबादी उत्तर, मध्य और पश्चिम अफ्रीका में पाई जाती है।
      • इस उप-प्रजाति में एशियाई शेर और अपने क्षेत्र से विलुप्त बार्बरी शेर भी शामिल हैं।
    • सदर्न लायन (Panthera leo melanochaita): इसमें पूर्वी और दक्षिण अफ्रीकी शेर की आबादी शामिल है।

 

कई अन्य पहलों ने एशियाई शेरों के संरक्षण को और मजबूत किया है:

  • इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA):  इसे 2023 में लॉन्च किया गया। IBCA शेरों सहित बड़े विडाल वंशियों के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
  • एशियाई शेर संरक्षण परियोजना: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है।
  • ग्रेटर गिर कांसेप्ट: इसमें पारंपरिक गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य से परे भी शेरों के लिए अतिरिक्त उपयुक्त पर्यावास को विकसित करना शामिल है।
    • संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क का विस्तार करने के लिए गिरनार, पनिया और मिटियाला जैसे अभयारण्यों को अधिसूचित किया गया है।
  • संरक्षण तंत्र को मजबूत किया गया: ग्रेटर गिर रीज़न (GGR) के लिए एक टास्क फोर्स और राज्य स्तर पर वन्यजीव अपराध प्रकोष्ठ की स्थापना की गयी है।
  • अन्य
    • वन्यजीव पर्यावास विकास नामक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS-DWH) के अंतर्गत समर्थन प्रदान किया जा रहा है। 
    • पर्यावास में सुधार हेतु उपाय (जैसे- अतिरिक्त जल स्रोतों की स्थापना और रखरखाव करना)।
    • विश्व शेर दिवस (10 अगस्त) मनाना।

निष्कर्ष

पर्यावास संरक्षण, उन्नत निगरानी और संघर्ष शमन के माध्यम से एशियाई शेरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में प्रोजेक्ट लायन एक महत्वपूर्ण कदम है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान और पालपुर-कुनो वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश), आदि को गिर भू-क्षेत्र से परे शेरों के लिए अन्य संभावित वैकल्पिक पर्यावास के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

गिर भू-क्षेत्र (Gir landscape) के बारे में 

  • गिर वन भारत के अर्ध-शुष्क पश्चिमी भाग में शुष्क पर्णपाती वनों का सबसे बड़ा सघन क्षेत्र है।
  • स्थलाकृति: यहाँ ऊबड़-खाबड़ भूमि, पृथक पहाड़ियां, पठार और घाटियां मौजूद हैं।
  • प्रमुख नदियां: हिरन, मछुंदरी, रावल, शतरंजी, शिंगोडा, आदि।
  • वनस्पति: सागौन, राइटिया टिंक्टोरिया (दुधलो), खैर, आदि।
  • जीव: तेंदुआ, लकड़बग्घा, चीतल (हिरण), सांभर, आदि।
  • मानव बस्ती: मालधारी (आदिवासी समुदाय) शेर के साथ सहजीवी संबंध बनाकर सदियों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं।
    • उनकी बस्तियों को "नेस (Nesses)" कहा जाता है।
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