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जंपिंग स्पाइडर्स (JUMPING SPIDERS)

Posted 02 May 2025

Updated 08 May 2025

13 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

एक शोध में पश्चिमी घाट के शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य (केरल) से जंपिंग स्पाइडर्स की दो नई प्रजातियों की खोज की गई है।

इन नई प्रजातियों के बारे में

  • ये दोनों नई प्रजातियाँ एपिडेलैक्सिया (Epidelaxia) कुल से संबंधित हैं।
  • यह पहली बार है कि इस प्रजाति को भारत में दर्ज किया गया है। इसे पहले इसे श्रीलंका की स्थानिक प्रजाति माना जाता था।

जंपिंग स्पाइडर्स के बारे में:

  • कुल: जंपिंग स्पाइडर्स, मकड़ियों (स्पाइडर्स) के सबसे बड़े कुल से संबंधित हैं।
  • पर्यावास: ये मकड़ियाँ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बहुत आम हैं। हालांकि, कुछ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के उत्तर में और यहाँ तक की आर्कटिक क्षेत्रों में भी पाई जाती हैं।
  • विशेषताएँ:
    • जंपिंग स्पाइडर्स अपने शरीर की लंबाई से 30 गुना अधिक दूरी तक छलांग लगा सकती हैं।
  • इनकी सामने के पैर बड़े होते हैं, जो उन्हें शिकार को पकड़ने और पकडे रहने में मदद करते हैं। ये अपने पिछले पैरों का उपयोग छलांग लगाने के लिए करती हैं।
  • अधिकांश मकड़ियों की आठ या छः आंखें होती हैं, लेकिन उनकी दृष्टि या देखने की क्षमता कमजोर होती है। जंपिंग स्पाइडर्स की 8 आंखें होती हैं, जो युग्मों में व्यवस्थित होती हैं। साथ ही ये अपवाद स्वरूप मनुष्यों की तुलना में कहीं ज्यादा रंग देख सकती हैं।
    • दिन में शिकार करते समय जंपिंग स्पाइडर्स लाल स्पेक्ट्रम, हरा स्पेक्ट्रम और पराबैंगनी प्रकाश में देख सकती हैं।
  • व्यवहार: 
    • जंपिंग स्पाइडर्स सक्रिय शिकारी होती हैं और कीड़ों तथा अन्य मकड़ियों का शिकार करती हैं।
    • जंपिंग स्पाइडर्स अपने रेशम से "प्यूप टेंट" नामक आश्रय बनाती हैं, जहाँ वे वे खराब मौसम से बचने के लिए शरण लेती हैं और रात में सोती हैं।

शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य के बारे में 

  • नाम:  इस अभयारण्य का शेंदुर्नी नाम यहाँ की एक स्थानिक वृक्ष प्रजाति पर रखा गया गया है, जिसे स्थानीय भाषा में "चेंकुरिंजी (Chenkurinji)" कहा जाता है।
  • अवस्थिति: यह केरल के कोल्लम जिले में स्थित है और आगस्थ्यमाला जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का हिस्सा है।
  • वनस्पति: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, अर्द्ध-सदाबहार वन और आर्द्र पर्णपाती वन।
  • प्राणी: यहाँ हाथी, बाघ, तेंदुआ, गौर (इंडियन बाइसन), सांबर, बोनट मकाक, नीलगिरी लंगूर और लायन-टेल्ड मकाक जैसे प्राणी पाए जाते हैं।
  • विशेष पारिस्थितिकी तंत्र: इस अभ्यारण में मायरीस्टिका दलदल पाए जाते हैं। मायरीस्टिका दलदल ताजे जल के विशिष्ट पारिस्थितिक तंत्र हैं। इस पारिस्थितिक तंत्र में मिरिस्टिका (Myristica) प्रजाति के वृक्षों का प्रभुत्व है (एक आदिम और सदाबहार वृक्ष प्रजाति), जो दक्षिण पश्चिमी घाट में पाए जाते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय मान्यता: शेंदुर्नी को बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (Important Bird Area) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • Tags :
  • शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य
  • जंपिंग स्पाइडर्स
  • एपिडेलैक्सिया
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