सुर्ख़ियों में क्यों?
न्यूजीलैंड के प्रधान मंत्री ने भारत की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा की।
यात्रा के मुख्य परिणामों पर एक नज़र
- न्यूजीलैंड इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव (IPOI) और आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure: CDRI) में शामिल हुआ।
- पेशेवरों और कुशल श्रमिकों के लिए आवागमन संबंधी व्यवस्था पर वार्ता का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य नवाचार, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रकों में सहभागिता का समर्थन करना है।
- मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए भी वार्ता का शुभारंभ किया गया।
द्विपक्षीय संबंधों की समकालीन प्रासंगिकता

- द्विपक्षीय व्यापार: दोनों देशों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में 1.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें भारत का व्यापार अधिशेष 0.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- न्यूजीलैंड द्वारा भारत को निर्यात: भारत ऊन, लोहा व इस्पात, फल एवं मेवे तथा एल्युमीनियम का आयात करता है।
- भारत द्वारा न्यूजीलैंड को निर्यात: भारत फार्मास्यूटिकल्स/ दवाएं, यांत्रिक मशीनरी, मोती, कीमती पत्थर और धातुएं निर्यात करता है।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: उदाहरण के लिए- दोनों देशों की नौसेनाएं हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त टास्क फोर्स-150 में मिलकर काम कर रही हैं।
- बहुपक्षीय मंचों पर आपसी सहयोग: उदाहरण के लिए- दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता की वकालत करते हैं। इस सुधार में सुरक्षा परिषद की सदस्यता में विस्तार करके इसे और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, विश्वसनीय एवं प्रभावी बनाना शामिल है।
- न्यूजीलैंड संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।
- साझा सामरिक हित: दोनों देश परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार, आतंकवाद का विरोध तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की वकालत करने के संबंध में समान रुख रखते हैं। साथ ही दोनों देश खुले, समावेशी, स्थिर एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने तथा हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव को सीमित करने पर सहमत हैं।
- न्यूजीलैंड ने 2011 की अपनी "भारत के लिए दरवाजे खोलने" की नीति में भारत को प्राथमिकता वाले देश के रूप में मान्यता दी थी।
- प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और योगदान: भारत न्यूजीलैंड में कुशल प्रवासियों का सबसे बड़ा स्रोत है और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
- हरित ऊर्जा साझेदारी: उदाहरण के लिए- न्यूजीलैंड 2024 में भारत के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का सदस्य बन गया था।
- घनिष्ठ खेल संबंध: दोनों देशों के बीच खेल के क्षेत्र विशेष रूप से क्रिकेट, हॉकी और अन्य ओलंपिक खेलों में संबंध काफी घनिष्ठ हैं।
- भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेल संबंधों के 100 वर्षों को मान्यता देने तथा इसका उत्सव मनाने के लिए 2026 में 'स्पोर्टिंग यूनिटी' कार्यक्रम की योजना बनाई गई है।
द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतियां
- लंबे समय से विलंबित FTA: 2010-2015 के बीच 10 दौर की वार्ता के बावजूद, भारत-न्यूजीलैंड FTA आर्थिक मतभेदों, विशेष रूप से डेयरी निर्यात और कृषि शुल्कों के कारण रुका हुआ है।
- भारत का डेयरी उद्योग न्यूजीलैंड के दुग्ध उत्पादकों द्वारा उत्पन्न संभावित व्यवधान पर चिंता व्यक्त करता है। ऐसा इस कारण क्योंकि FTA चर्चाओं से यह क्षेत्रक विदेशी प्रतिस्पर्धा के लिए खुल सकता है, जिससे घरेलू कीमतें प्रभावित होंगी।
- सुरक्षा संबंधी चिंताएं: भारत ने न्यूजीलैंड में 'सिख फॉर जस्टिस' समूह द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों और खालिस्तान जनमत संग्रह सहित भारत विरोधी गतिविधियों पर अपनी चिंता जताई है।
- अन्य चिंताएं: कम द्विपक्षीय व्यापार अप्रयुक्त क्षमता को दर्शाता है; न्यूजीलैंड के चीन के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध हैं आदि।
निष्कर्ष
दोनों देशों को एक ऐसे मुक्त व्यापार समझौते का लक्ष्य रखना चाहिए, जो पारस्परिक लाभ प्रदान करते हुए भारतीय उद्योगों की संवेदनशीलताओं का समाधान करे। द्विपक्षीय टास्क फोर्स के गठन से अलगाववादी आंदोलनों जैसे संवेदनशील मुद्दों को सुलझाने में मदद मिल सकती है। साथ ही, लोकतांत्रिक स्वतंत्रता और वैध विरोध प्रदर्शनों के प्रति सम्मान सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके अलावा, चीन के प्रभाव जैसे भू-राजनीतिक मुद्दों पर नियमित उच्च-स्तरीय चर्चाएं क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति दोनों देशों के दृष्टिकोण को संरेखित कर सकती हैं।