भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GEOLOGICAL SURVEY OF INDIA: GSI) | Current Affairs | Vision IAS
Monthly Magazine Logo

Table of Content

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GEOLOGICAL SURVEY OF INDIA: GSI)

Posted 02 May 2025

Updated 07 May 2025

21 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

देश के सबसे पुराने वैज्ञानिक संगठनों में से एक भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की स्थापना के 175 वर्ष पूरे हुए।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के बारे में

  • इसकी परिकल्पना "भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण" के रूप में जॉन मैक्लेलैंड द्वारा की गई थी। इन्होंने 5 फरवरी 1846 को ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से डेविड हीरॉ विलियम्स को भूवैज्ञानिक सर्वेक्षक के रूप में नियुक्त करने की पहल की थी।
    • हालांकि, 1851 में नए भूवैज्ञानिक सर्वेक्षक के रूप में थॉमस ओल्डहम की नियुक्ति के बाद GSI द्वारा कार्यों को करने की शुरुआत हुई थी।
    • यह सर्वे ऑफ इंडिया के बाद भारत का दूसरा सबसे पुराना सर्वेक्षण संगठन है। सर्वे ऑफ इंडिया की स्थापना 1767 में की गयी थी।
    • GSI के पहले भारतीय प्रमुख डॉ. एम. एस. कृष्णन थे।
  • GSI को शुरू में रेलवे के लिए कोयले के भंडार का पता लगाने के लिए स्थापित किया गया था। हालांकि, समय के साथ यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक प्रमुख संगठन बन गया है, जिसके पास भू-विज्ञान संबंधी डेटा का व्यापक संग्रह है।
  • मुख्यालय: कोलकाता
    • छह क्षेत्रीय कार्यालय: लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलांग और कोलकाता।
  • नोडल मंत्रालय: खान मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के कार्य

  • इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक जानकारी जुटाना, उसे अपडेट करना और खनिज संसाधन का आकलन करना है।
  • यह निम्नलिखित पांच प्रमुख मिशनों के तहत सभी गतिविधियों को करता है:
    • मिशन- I (स्थलीय, हवाई और समुद्री सर्वेक्षण),
    • मिशन- II (प्राकृतिक संसाधन आकलन और खनिज, कोयला एवं लिग्नाइट संसाधनों का संवर्धन),
    • मिशन- III (जानकारी और उनका प्रसार करना),
    • मिशन- IV (मूलभूत और बहु-विशेषज्ञ भूविज्ञान अनुसंधान), और 
    • मिशन- V (प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण)।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की प्रमुख उपलब्धियां

  • बेसलाइन जियोसाइंस डेटा जनरेशन: 1877 में भारत का पहला भूवैज्ञानिक मानचित्र प्रकाशित किया गया।
    • राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा को समेकित करने के लिए इसके द्वारा राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा भंडार (NGDR) की शुरुआत की गयी है।
    • इसके द्वारा प्रमुख राष्ट्रीय सर्वेक्षण शुरू किए गए हैं, जैसे सिस्टमैटिक जियोलॉजिकल मैपिंग (SGM), राष्ट्रीय भू-रासायनिक मानचित्रण (NGCM)।
  • प्राकृतिक संसाधन का आकलन: यह 2024-25 में 448 खनिज अन्वेषण परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसमें दुर्लभ भू-तत्व, लिथियम, पोटाश, टंगस्टन, ग्रेफाइट आदि जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज से संबंधित कई परियोजनाएं शामिल हैं।
  • जियोइंफॉर्मेटिक्स: यह टेक्टोनिक संबंधी अध्ययन और अनुसंधान के लिए देशभर में कई ग्लोबल  नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (GNSS) आधारित स्टेशनों का संचालन करता है।
    • बहु-विषयक भूवैज्ञानिक जानकारी को निशुल्क रूप से प्रसारित करने के लिए भूकोष  (Bhukosh) नामक भू-स्थानिक पोर्टल विकसित किया गया है।  
  • भूविज्ञान एवं आपदा प्रबंधन:
    • भूकंपीय/भूकंप भूविज्ञान: 1899 में, GIS के रिचर्ड डिक्सन ओल्डम ने असम में आए प्रचंड भूकंप (1897) का अध्ययन किया और भूकंपीय तरंगों के तीन अलग-अलग प्रकारों की पहचान की थी। इससे पृथ्वी के आंतरिक भाग के बारे में हमारी समझ में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
      • GIS द्वारा भूकंप के पैमाने का विश्लेषण करने के लिए भूकंपीय डेटा की निगरानी और प्रसंस्करण के लिए सीस्मो -जियोडेटिक रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग सेंटर (SGRDPC) का संचालन किया जाता है।
    • भूस्खलन संबंधी खतरे का अध्ययन: यह भारत में भूस्खलन के कारणों की जांच करने  के संबंध में नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है।
      • लैंडस्लिप (LANDSLIP) परियोजना के माध्यम से, GIS ने वर्षा जनित भूस्खलन के लिए एक प्रोटोटाइप के रूप में अग्रिम चेतावनी प्रणाली विकसित की है।
    • अंटार्कटिक संबंधी अध्ययन: GSI अंटार्कटिक अध्ययन कार्यक्रम के तहत अंटार्कटिक क्षेत्र में अध्ययन करता है। इस कार्यक्रम के तहत, गजेल्विक्फजेल्ला (Gjelsvikfjella) क्षेत्र का मानचित्रण नॉर्वेजियन स्टेशन ट्रॉल (TROLL) का उपयोग करके किया गया है। साथ ही, दक्षिण-गंगोत्री ग्लेशियर के सिकुड़ने की प्रक्रिया पर हर साल नज़र रखी जाती है।
  • अन्य कार्य: GSI भू-धरोहर स्थलों और राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारकों की घोषणा भी करता है। उदाहरण के लिए: तमिलनाडु के सत्तानुर में राष्ट्रीय जीवाश्म काष्ठ पार्क
    • हाल ही में, GSI ने फ्यूचर मिनरल फोरम 2024 (सऊदी अरब) और 37वें इंटरनेशनल जियोलॉजिकल कांग्रेस (साऊथ कोरिया) में भाग लिया है।
  • Tags :
  • GSI
  • भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण
  • बेसलाइन जियोसाइंस डेटा
  • राष्ट्रीय जीवाश्म काष्ठ पार्क
Download Current Article
Subscribe for Premium Features