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लाइट सुपरसॉलिड (LIGHT SUPERSOLID)

02 May 2025
16 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

इटली के नेशनल रिसर्च काउंसिल के वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रकाश से सुपरसॉलिड का निर्माण किया है।

सुपरसॉलिड क्या होता है?

  • परिभाषा: यह पदार्थ की एक दुर्लभ अवस्था है, जो ठोस जैसी संरचना और घर्षण रहित प्रवाह दोनों का प्रदर्शन करती है।
    • इसे क्वांटम यांत्रिकी (Quantum mechanics) द्वारा परिभाषित किया जाता है। इसके तहत पार्टिकल्स एक सुव्यवस्थित व क्रिस्टल जैसी ठोस अवस्था में एकत्र या घनीभूत होते हैं, लेकिन वे श्यानता (Viscosity) रहित द्रव की भांति प्रवाह भी करते हैं।
  • प्रारंभिक शोध: 1960 के दशक में सैद्धांतिक रूप से भविष्यवाणी की गई सुपरसॉलिड अवस्था को अंततः 2017 में अल्ट्राकोल्ड बोस-आइंस्टीन कंडेन्सेट्स (BEC) का उपयोग करके प्रयोगात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया।
    • अब तक सुपरसॉलिड अवस्था हेतु अत्यधिक निम्न तापमान (सामान्यतः निरपेक्ष शून्य यानी 0 केल्विन या -273.15°C) अनिवार्य होता था, जिस पर क्वांटम प्रभाव दिखाई देते हैं।
    • इस तापमान पर परमाणुओं में न्यूनतम ऊर्जा होती है और पदार्थ एक असामान्य व्यवहार प्रदर्शित करता है, जिसे पदार्थ की पाँचवीं अवस्था, बोस-आइंस्टीन कंडेन्सेट्स (BECs) के रूप में जाना जाता है।
    • हालांकि, वैज्ञानिक पूर्ण शून्य, यानी एब्सोल्यूट ज़ीरो तक तो नहीं पहुंच पाते, लेकिन प्रयोगशाला में वे इसके बेहद करीब का तापमान प्राप्त करने में सक्षम हैं।
  • वर्तमान शोध: नए शोध में "पोलारिटॉन" सिस्टम की विशेषताओं पर आधारित एक नई तकनीक का उपयोग किया गया है।
    • पोलारिटॉन वस्तुतः प्रबल विद्युत-चुम्बकीय इंटरएक्शन के तहत प्रकाश और क्वासि-पार्टिकल्स जैसे एक्साइटोन के आपस में जुड़ने से बनते हैं।
    • क्वासि पार्टिकल्स गणितीय सिद्धांतों पर आधारित होते हैं, जिसके तहत पदार्थों में होने वाले मूलभूत बदलावों (जैसे- स्पिन वेव्स) को कणों या पार्टिकल्स के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
      • ये पदार्थ से नहीं बने होते हैं, इसलिए इन्हें क्वासि पार्टिकल्स कहा जाता है।

प्रकाश को सुपरसॉलिड में बदलने का महत्व क्या है?

  • सुपरसॉलिड प्रकाश, क्वांटम कंप्यूटिंग में अधिक स्थिर क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • प्रकाश को इस तरीके से नियंत्रित करने की क्षमता ऑप्टिकल उपकरणों, फोटोनिक सर्किट्स, और यहां तक कि बुनियादी क्वांटम यांत्रिकी संबंधी शोध में क्रांति ला सकती है।
  • इस स्तर पर प्रकाश को नियंत्रित करने की क्षमता शोधकर्ताओं को मटेरियल साइंस के नए क्षेत्रों का अन्वेषण करने में सक्षम बनाती है। साथ ही, यह ऊर्जा का उपयोग करने और उसे समझने के हमारे तरीके में भी नए मार्ग खोल सकती है।

प्रकाश के बारे में

  • ब्रह्मांड में प्रकाश की गति सबसे अधिक है। प्रकाश की गति 2,99,792.458 किलोमीटर प्रति सेकंड है।
  • यह माना जाता है कि प्रकाश वेव-पार्टिकल ड्युअलिटी प्रदर्शित करता है। इसका मतलब है कि प्रकाश कभी-कभी तरंग की तरह व्यवहार करता है और कभी-कभी कण की तरह।
    • पारंपरिक दृष्टिकोण के अनुसार, किसी कण या पार्टिकल में ऊर्जा और अन्य विशिष्ट गुण स्पेस-टाइम के एक सीमित क्षेत्र में केंद्रित माने जाते हैं, जबकि तरंग एक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई होती है।
  • क्वांटम यांत्रिकी हमें बताती है कि प्रकाश एक साथ कण और तरंग, दोनों के रूप में व्यवहार कर सकता है।

 

 

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