राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की अधिसूचना अक्टूबर 2023 में जारी की गई थी और इसका उद्घाटन जनवरी 2025 में हुआ था।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के बारे में
- उद्देश्य: हल्दी से जुड़े मामलों में दिशा-निर्देश देना, विकास प्रयासों को मजबूत करना, और हल्दी क्षेत्रक के विकास व संवृद्धि के लिए स्पाइसेज बोर्ड व अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय करना।
- मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय।
- संरचना:
- अध्यक्ष: केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त।
- सदस्य: आयुष मंत्रालय; केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, जैसे- औषध विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग, वाणिज्य और उद्योग विभाग के प्रतिनिधि;
- तीन राज्यों से (रोटेशन आधार पर) राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि।
- अनुसंधान में शामिल चयनित राष्ट्रीय/ राज्य संस्थान और हल्दी किसानों व निर्यातकों के प्रतिनिधि।
- वाणिज्य विभाग द्वारा नियुक्त एक सचिव।
- भूमिका:
- अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देना,
- निर्यात के लिए मूल्य संवर्धन करना,
- हल्दी के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना,
- हल्दी की उपज में सुधार करना, और
- बाजारों का विस्तार करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार करना।
भारत में हल्दी का उत्पादन
- भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है।
- देश के 20 से अधिक राज्यों में हल्दी की लगभग 30 किस्में उगाई जाती हैं।
- उत्पादन: वैश्विक हल्दी उत्पादन का 70% हिस्सा भारत उत्पादित करता है।
- तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश मिलकर घरेलू उत्पादन का 63.4% उत्पादित करते हैं।
- निर्यात: हल्दी के वैश्विक व्यापार में भारत की 62% से अधिक की हिस्सेदारी है।
- भारत के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और मलेशिया हैं।
- भारत में GI टैग वाली हल्दी: सांगली हल्दी और वाईगाँव हल्दी (महाराष्ट्र); इरोड मंजल/ हल्दी (तमिलनाडु); लाकाडोंग हल्दी (मेघालय) आदि।
हल्दी के बारे में
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