डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसका लक्ष्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
- यह एक अम्ब्रेला कार्यक्रम है, जिसमें कई सरकारी मंत्रालय और विभाग शामिल हैं। इसका समग्र समन्वय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) करता है।
- यह तीन विज़न क्षेत्रों की पहचान करता है। (इन्फोग्राफिक देखें)

डिजिटल इंडिया के तहत प्रमुख उपलब्धियां
- डिजिटल अर्थव्यवस्था: 2022–23 में डिजिटल अर्थव्यवस्था ने राष्ट्रीय आय में 11.74% का योगदान दिया। इसके 2024–25 तक 13.42% तक पहुंचने की उम्मीद है।
- स्टेट ऑफ इंडियाज डिजिटल इकोनॉमी रिपोर्ट, 2024 के अनुसार, भारत अब अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण में विश्व में तीसरे स्थान पर है।
- कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर: वर्ष 2014 में 25.15 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो बढ़कर 2024 में 96.96 करोड़ हो गए। भारतनेट परियोजना के तहत 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा गया है।
- डिजिटल फाइनेंस और वित्तीय समावेशन:
- डिजिटल भुगतान: वर्ष 2023 में वैश्विक रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट्स में भारत की 49% हिस्सेदारी थी। UPI अब 7 से अधिक देशों में लागू है।
- आधार-सक्षम DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण): इसने फर्जी लाभार्थियों की पहचान करके लगभग 3.48 लाख करोड़ की बचत की है।
- रणनीतिक तकनीकी क्षमताओं का विकास: इंडियाAI मिशन, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (छह परियोजनाएं स्वीकृत) और सेमीकॉन इंडिया 2025 जैसी पहलों से तकनीकी क्षेत्र को मजबूती मिल रही है।
- ई-गवर्नेंस: कर्मयोगी भारत iGOT प्लेटफॉर्म के जरिए नौकरशाहों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जा रही है।UMANG/ उमंग ऐप के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की सेवाएं आम लोगों तक आसानी से पहुंच रही हैं।