रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) ने भारत के राष्ट्रीय प्राधिकरण रासायनिक हथियार अभिसमय (NACWC) के सहयोग से यह बैठक आयोजित की है।
- यह क्षेत्रीय बैठक रासायनिक हथियार अभिसमय (CWC) के प्रभावी कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए OPCW के जारी प्रयासों का हिस्सा है।
- OPCW, रासायनिक हथियार अभिसमय को लागू करने वाली मुख्य संस्था है।
रासायनिक हथियार अभिसमय (CWC) के बारे में
- शुरुआत: वर्ष 1992 में निरस्त्रीकरण सम्मेलन ने इस अभिसमय के मसौदे को औपचारिक रूप से अपनाया था। यह 1997 में लागू हुआ था।
- यह विश्व का पहला बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण समझौता है, जो एक निश्चित समय सीमा में सामूहिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी को खत्म करने का प्रावधान करता है।
- सदस्य देश: इसमें 193 देश शामिल हैं।
- भारत इस अभिसमय का प्रारंभिक हस्ताक्षरकर्ता है।
- मान्यता: OPCW को 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- भारत और CWC:
- भारत में इस अभिसमय को लागू करने की जिम्मेदारी NACWC की है। NACWC की स्थापना रासायनिक हथियार अभिसमय अधिनियम, 2000 के तहत की गई है।
- वर्ष 2024 में, भारतीय रासायनिक परिषद (ICC) को OPCW-द हेग पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पहली बार था जब विश्व में किसी रासायनिक उद्योग संगठन को यह सम्मान मिला।
- यह पुरस्कार ICC के योगदान को मान्यता देता है, जिसने अभिसमय के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और भारत में पूरे रासायनिक उद्योग की सुरक्षा व संरक्षा को बेहतर बनाने में मदद की।
- ICC भारत का सबसे पुराना रासायनिक उद्योग संगठन है।
- वर्ष 2024 में, भारतीय रासायनिक परिषद (ICC) को OPCW-द हेग पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पहली बार था जब विश्व में किसी रासायनिक उद्योग संगठन को यह सम्मान मिला।