हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री ने नामीबिया की यात्रा की थी। इस दौरान, नामीबिया ने रियल टाइम में डिजिटल भुगतान के लिए UPI प्रणाली को अपनाने हेतु एक लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया था।
- इससे पहले, RBI ने 2023-24 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) के साथ मिलकर 2028-29 तक 20 देशों में UPI को पहुंचाने पर काम करने का एजेंडा निर्धारित किया था।
- निम्नलिखित देश UPI-आधारित अंतर्राष्ट्रीय मर्चेंट भुगतान स्वीकार करते हैं-
- भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात।
UPI के बारे में
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को 2016 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने लॉन्च किया था। यह एक त्वरित भुगतान प्रणाली है। यह कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में जोड़ता है। इसमें कई बैंकिंग सुविधाओं सहित सुगम फंड ट्रांसफर और मर्चेंट पेमेंट आदि शामिल हैं।
UPI के अंतर्राष्ट्रीयकरण का महत्त्व
- वैश्विक बाजार में विस्तार: तीव्र एवं आसान सीमा-पार भुगतान भारत और अन्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा दे सकता है।
- इंटरऑपरेबिलिटी और मानकीकरण: UPI को व्यापक रूप से अपनाने से विभिन्न देशों में भुगतान प्रणालियों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा। इससे विश्व भर में वित्तीय प्रौद्योगिकियों के साथ सहज एकीकरण सुनिश्चित होगा।
- 'डिजिटल' कूटनीति: तकनीकी सहयोग के माध्यम से भारत के प्रभाव और ख्याति को मजबूती मिलेगी।
UPI के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए उठाए गए अन्य कदम
नोट: UPI, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की पेमेंट लेयर का एक अभिन्न अंग है। |